सोहना,(उमेश गुप्ता): सोहना के गांव घंघौला में निजी स्कूल चलाने वाले स्कूल संचालक अजीत पर जानलेवा हमला बोलने के आरोप में पुलिस ने सात आरोपियों को पकडऩे में कामयाबी पाई है। पकड़े गए आरोपी गांव घ
घौला के ही रहने वाले है। जिनके नाम मनोज पुत्र करतार, दिवेश उर्फ सिंधू पुत्र करतार, दीपक पुत्र जयपाल, गोपाल पुत्र रतिराम, विपिन पुत्र जगदीश, रूपेश पुत्र नरेन्द्र तथा नरेन्द्र पुत्र हरिचंद बताए गए है। मामले की जांच कर रहे अनुसंधान अधिकारी व निमोठ पुलिस चौकी प्रभारी सुभाष सिंह का कहना है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त की गई तीन मोटरसाइकिलें और लाठी-डंडे बरामद किए है। मामले की जांच तेजी से चल रही है। आरोपी चाहे कितने भी प्रभावशाली क्यो ना हो, हर्गिज नही बख्शे जाएंगे। कानून अपना काम करेगा। साथ ही उन्होने इस बात का भी भरोसा दिया कि इस मामले में किसी भी निर्दोष को किसी भी कीमत पर हर्गिज फंसने नही दिया जाएगा और दोषियान को किसी भी कीमत पर बख्शा नही जाएगा। ध्यान योग्य ये है कि सोहना के गांव घंघौला में निजी स्कूल चलाने वाले स्कूल संचालक अजीत कुमार की शिकायत पर पुलिस ने करीब 40 लोगों के खिलाफ भादस की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था जबकि ग्रामीणों का कहना है कि सोहना सदर पुलिस थाने में ग्यारह जुलाई को जो मुकदमा नंबर-131 दर्ज किया गया है, उसमें शिकायतकर्ता ने ग्रामपंचायत की एक पूर्व महिला सरपंच समेत कई युवकों को बेवजह नाजायज रूप में फंसाया गया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गांव में रहने वाला एक व्यक्ति गांव की फिजा को खराब करने और आपसी भाईचारे को बिगाडऩे का काम कर रहा है तथा अपने निजी स्वार्थों से वशीभू होकर द्वेष भावना के चलते लोगों को झूठा फंसाने का काम कर रहा है। जिसे ग्रामीण किसी भी हालत में बर्दाश्त नही करेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि इस पूरे मामले की एसीपी रैंक अथवा अन्य किसी आला अधिकारी से जांच कराई जाए तो सच्चाई खुद-ब-खुद सामने आ जाएगी। ग्रामीणों ने ये भी आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता पक्ष के लोग इससे पहले भी कई झूठी शिकायतें कई लोगों के खिलाफ कर चुके है। जांच में शिकायत झूठी पाई गई। बावजूद इसके झूठी शिकायत करने वाला व्यक्ति अपनी हरकतों से बाज नही आ रहा है और अब गांव में ही रहने वाले दीपक, कुलदीप, संजू, चिंटू आदि समेत अनेकों लोगों के झूठे नाम शिकायत में लिखवाए गए है। ग्रामीणों ने साफ कहा कि यदि इनमें से कोई भी युवक मामले में संलिप्त पाया जाए तो उन्हे फांसी पर चढ़ा दिया जाए और जांच के दौरान नाम झूठे पाए जाए तो आरोपी के खिलाफ सरकार कानूनी कार्रवाई करने का काम करे। ग्रामीणों ने साफ-सपाट लहजे में कहा कि जब तक उन्हे न्याय नही मिलेगा, वह हर्गिज चुप नही बैठेंगे। यदि इस मामले में उन्हे आला अधिकारियों का दरवाजा भी खटखटाना पड़ा तो इंसाफ पाने के लिए आला अधिकारियों से मिला जाएगा।
Comments