गाय और अर्थव्यवस्था विषय पर हरियाणा गौ सेवा आयोग द्वारा ऑनलाइन सेमिनार।

Khoji NCR
2021-07-15 09:13:20

खोजी/सुभाष कोहली कालका/पंचकूला। भारत सदा से ही कृषि प्रधान देश रहा है, यह कृषि प्रणाली भारत में गोवंश आधारित होती थी। गाय और अर्थव्यवस्था विषय पर हरियाणा गौ सेवा आयोग द्वारा गाय आधारित वेबीन

र की सीरीज के दौरान दूसरे सेमिनार में मुख्य वक्ता के तौर पर अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के पूर्व चेयरमैन बल्लभ भाई कथिरिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि गाय दूध तो वर्ष में लगभग 6 महीने ही देती है। लेकिन उसका गोबर व मूत्र हमें प्रत्येक दिन मिलता है। गो उत्पादों की आजकल बाजार में खूब मांग है। गौशालाओं को चाहिए कि गाय के गोबर आधारित उत्पाद बनाए और बाजारों में मार्केटिंग करें। कथिरिया ने कहा कि देशभर में गोवंश 4 टन प्रतिवर्ष की दर से 120 करोड़ टन गोबर और 80 करोड़ किलो लीटर गोमूत्र देता है। इसका सदुपयोग करके गाय को आम जनमानस के साथ जोड़ें। अब समय है गौशालाओं को वैज्ञानिक रूप से चलाकर गो उत्पादों का निर्माण केंद्र बनाएं। भारतीय गोवंश का नस्ल सुधार करके गाय को दोबारा किसान, गोपालक के घर भेजना होगा। वेबीनार की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने कहा कि गाय का असली स्थान गोपालक का घर है। भगवान श्री कृष्ण ने गोपालन किया तो तभी वह गोपाल कहलाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कई गौशालाएं बहुत ही उत्तम कार्य कर रही हैं और उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रदेश की कई और गौशालाएं शीघ्र ही उत्तम गौशालाओं में शामिल होंगी। प्रदेश की अनेक गौशालाओं द्वारा दुग्ध उत्पाद और पंचगव्य, गोबर, गोमूत्र से बने उत्पादों का उत्पादन किया जा रहा है। श्रवण कुमार गर्ग ने कहा कि प्रदेश में एमएसएमई के सहयोग से गौशालाओं का समूह बनाकर उत्पाद बनाने हेतु कार्य प्रगति पर है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दिशा निर्देशन में आयोग के माध्यम से गौशाला में अब एक लघु उद्योग के रूप में कार्य करेंगी और स्वावलंबी बनने की दिशा में अग्रसर होगी। उन्होंने कहा कि गौशालाओं को सिर्फ दान पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा। इस तरीके से अपना खर्च गौशाला स्वयं निकाल सकेंगी। गौशालाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में युद्धस्तर पर कार्य किए जाने की आवश्यकता है और इसी दिशा में हरियाणा गौ सेवा आयोग कार्य कर रहा है। वेबीनार का संचालन आयोग के सचिव डॉ चिरंतन काल ने किया। धन्यवाद प्रस्ताव आयोग के उपाध्यक्ष विद्यासागर बाघला ने रखते हुए कहा कि अब गौशालाओं को भी बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए अपने आपको को तैयार करना होगा। इस वेबीनार में प्रदेश भर से अनेकों गौशाला प्रतिनिधि और गौ भक्तों ने भाग लिया।

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