आरटीआई की तर्ज पर समन भेजने का अधिकार नारनौल एनसीआर हरियाणा (अमित यादव)÷ सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत अधिकारियों व कर्मचारियों को किस तरह से सेवाएं देनी हैं। काम न करने पर उन्हें कितना जुर्म
ाना देना पड़ सकता है। इन सभी सवालों का जवाब देने के लिए आज लघु सचिवालय में अधिकारियों को आरटीएस का प्रशिक्षण दिया गया। अतिरिक्त उपायुक्क्त अभिषेक मीणा की अध्यक्षता मेंं हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रोजेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कौस्तुभ विराट ने बिंदुवार आरटीएस की जानकारी दी। एडीसी ने स्पष्टï किया कि अब आरटीआई की तर्ज पर आरटीएस लागू हो चुका है। राज्य सरकार ने टीसी गुप्ता को इसका चीफ कमीश्रर बनाया है। राज्य में 38 विभागोंं की 522 प्रकार की सेवाएं व योजनाएं अब आरटीएस के दायरे में हैं। निर्धारित समय मेंं काम न होने पर आवेदक प्रथम अपीलेट अथोरिटी के पास तीस दिन के अंदर-अंदर जा सकता है। इसके बाद 60 दिन के अंदर-अंदर द्वितीय अपीलेट अथोरिटी तथा निश्चित समय सीमा में काम न होने पर इसमेंं ऑटो अपील का भी प्रावधान है। कमीशनर खुद संज्ञान ले सकता है तथा संबंधित अधिकारी व कर्मचारी की जिम्मेदारी तय करके 250 से 5 हजार रुपए का जुर्माना लगा सकता है। अगर आवेदक को सेवाएं न मिलने से अधिक नुकसान हुआ है तो आवेदक को एक हजार रुपए देने का प्रावधान है। आरटीआई की तरह कमीशन संबंधित अधिकारी को समन कर सकता है तथा उस पर जुर्माना लगा सकता है। श्री मीणा ने बताया कि अब विभागोंं का प्रफोरमेंस इंडीगेटर बताएगा कि विभागों की सेवाओं की गुणवत्ता कितनी है। इसी आधार पर जनता में भी उस विभाग की इमेज बनती है। ऐसे मेंं अधिकारी अपने विभाग को सबसे अच्छा साबित करनेे के लिए तय समय में काम करें। उन्होंने विभागोंं को निर्देश दिए कि सभी विभाग आरटीएस का बोर्ड 15 जुलाई तक लगवा लें। ये हिंदी में जरूर होना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने मातहत कर्मचारियों को आज ही आरटीएस के बारे मेंं जानकारी दें। इस बैठक में नगराधीश अमित कुमार व सचिव आरटीए अजय सिंह के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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