डीसी ने ली शहरी विकास एवं नियंत्रित क्षेत्र के लिए गठित कमेटी की बैठक

Khoji NCR
2021-07-13 08:40:21

नारनौल, 13 जुलाई। राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिला में किसी भी सूरत मेंं अवैध कालोनियों को नहीं पनपने दिया जाएगा। गैर कानूनी तरीके से प्लाट काटकर बेचने वालोंं पर अधिकारी सख्त से सख्त कार्यव

ही करें। ये निर्देश उपायुक्त अजय कुमार ने आज लघु सचिवालय में शहरी विकास एवं नियंत्रित क्षेत्र के लिए गठित कमेटी की बैठक मेंं दिए। उन्होंने कहा कि शहरों में गुणवत्तापूर्वक जीवन के लिए जरूरी है कि जो भी निर्माण हो वह पूरी तरह से कानूनी की कसौटी पर खरा हो। कोई भी निर्माण कार्य गलत तरीके से नहींं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला मेंं जहां कहीं भी अवैध कालोनी काटने की जानकारी मिले तो जिला नगर योजनाकार विभाग पुलिस फोर्स की मांग करे तथा कानून अनुसार कार्यवाही करे। तय नियमों के बिना कालोनी काटना कानूनी तौर पर अपराध है। उन्होंने बताया कि हरियाणा शहरी क्षेत्र विकास एवं विनियमन अधिनियम 1975 के तहत अगर कोई भी नागरिक बिना नगर योजनाकार की मंजूरी के निर्माण करता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही का प्रावधान है। इस एक्ट के तहत तीन वर्ष की सजा या 50 हजार रुपए का जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं। इस बैठक में एसडीएम नारनौल मनोज कुमार, एसडीएम महेंद्रगढ़ दिनेश कुमार, डीएसपी नरेंद्र सांगवान, डीटीपी प्रवीण चौहान के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। उपायुक्त अजय कुमार ने नागरिकोंं से आह्ïवान किया है कि वे किसी भी अवैध कालोनी मेंं प्लाट न खरीदें। जब भी प्लाट खरीदें तो जिनसे प्लाट खरीद रहे हैं उनके नाम जमीन है या नहींं यह भी चैक करें। उस जमीन का इंतकाल किसके नाम है तथा उस पर किसी ने ऋण आदि तो नहींं लिया है। उस पर कोई अन्य केस तो नहींं है। जमीन अगर किसी ने किसी से लीज पर ली है तो उसकी लीज कब तक है। इन सब बातों का ख्याल रखें। उन्होंने कहा कि कुछ लोग पैसों के लालच में अपनी जीवन भर की कमाई को गलत जगह पर प्लाट खरीदने का सौदा करके गवा देते है। इस तरह के नुकसान से बचने के लिए प्लाट खरीदने से पहले उसकी अच्छी तरह से तस्दीक करें। उन्होंने बताया कि गलत तरीके से बनी कालोनियों में सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं दी जा सकती। नागरिक जब भी प्लाट खरीदें तो वे जिला योजनाकार से एनओसी का पता कर लें। बिना जिला योजनाकार की एनओसी के खरीदे गए प्लाट पर निर्माण करना गैर कानूनी है। साथ ही ऐसी कालोनियों में बिजली व पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं दी जा सकती।

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