यशपाल शर्मा ने खुद किया था खुलासा, किस अभिनेता की वजह से टीम इंडिया में हुई थी उनकी एंट्री

Khoji NCR
2021-07-13 08:19:02

नई दिल्ली, । भारतीय क्रिकेट टीम ने जब कपिल देव की कप्तानी में पहली बार 1993 में वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था तब उस टीम में यशपाल शर्मा भी थे। उस फाइनल मुकाबले में यशपाल शर्मा ने 11 रन की पारी वेस्ट

ंडीज के खिलाफ खेली थी, लेकिन उससे ठीक पहले यानी सेमीफाइनल मैच में उन्होंने 61 रन की पारी खेलकर भारतीय टीम को फाइनल में पहुंचाया था। यशपाल शर्मा अब हमारे बीच नहीं रहे और महज 66 साल की उम्र में हार्ट अटैक की वजह से उनका निधन हो गया। भारतीय क्रिकेट टीम में उनकी एंट्री काफी नाटकीय तरीके से हुई थी क्योंकि अगर हिन्दी जगत के पूर्व अभिनेता दिलीप कुमार नहीं होते तो शायद वो टीम इंडिया के लिए नहीं खेल पाते। यशपाल शर्मा ने एक बार दिलीप कुमार के साथ हुई बातचीत में इस बात का खुलासा किया था कि, उनकी वजह से ही भारतीय क्रिकेट में उनका नाम हुआ। यशपाल शर्मा ने बताया था कि, 1974-75 के घरेलू सीजन में यूपी और पंजाब के बीच मैच हो रहा था और उस मुकाबले को देखने के लिए दिलीप कुमार भी पहुंचे थे। इस मैच के दौरान दिलीप कुमार का ध्यान यशपाल शर्मा की तरफ गया था और फिर उन्होंने राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए यशपाल शर्मा के नाम की वकालत की थी। यशपाल शर्मा ने डेक्कन क्रॉनिकल से बात करते हुए ये बातें कही थी साथ ही ये भी कहा था कि, दिलीप कुमार मेरे पिता की तरह थे। यशपाल शर्मा ने ये बातें अपने निधन से कुछ दिन पहले और दिलीप कुमार के निधन के ठीक बाद कही थी। यशपाल शर्मा ने कहा था कि, युसूफ भाई (दिलीप कुमार) ने मेरे करियर को उपर उठाकर मेरी जिंदगी बदल दी थी। 1974-75 के घरेलू सत्र में वह दिल्ली के मोहन नगर मैदान में पंजाब बनाम यूपी रणजी नॉकआउट मैच देखने आए थे। मैंने पंजाब के लिए दोनों पारियों में शतक बनाया था और हमारी दूसरी पारी के दौरान, मैंने देखा कि कुछ प्रमुख व्यक्तित्व एक कार में आए थे और एक विशेष बैठने की जगह से मैच देख रहे थे। मुझे लगा कि वह कोई शीर्ष राजनेता रहे होंगे। यशपाल शर्मा ने बताया था कि, बाद में दिलीप कुमार ने उन्हें अपने पास बुलाया मुझे मेरे शतक के लिए बधाई दी और कहा कि, आपने शानदार बल्लेबाजी की है और मैं आपके नाम की सिफारिश किसी को करूंगा। ये उनके शब्द थे। बाद में मुझे पता चला कि युसूफ भाई ने दिवंगत राज सिंह डूंगरपुर से मेरी सिफारिश की थी, जो एक प्रमुख क्रिकेट प्रशासक थे। युसूफ भाई ने राज सिंह जी से कहा कि मैं देश के लिए खेलने का हकदार हूं और उसके बाद मेरी जिंदगी बदल गई। यशपाल शर्मा ने भारत के लिए 37 टेस्ट और 42 वनडे मैच खेले थे। वहीं उन्होंने घरेलू स्तर पर 160 फर्स्ट क्लास मैच और 74 लिस्ट ए मैच खेले थे।

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