सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर स्थानीय एनबीजीएसएम कॉलेज के समीप एक स्थान पर स्थित ईएसआई डिस्पेंसरी के वक्त-बेवक्त खुलने, डिस्पेंसरी में कार्यरत चिकित्सक के प्राय: नदारद रहने तथा श्रमिकों को पर
याप्त सुविधाएं व दवाईयां ना मिलने से यह डिस्पेंसरी मात्र दिखावा बनकर रह गई है। नाम ना छापने की शर्त पर कई भुक्तभोगी रोगियों ने खुलासा करते हुए बताया कि ईएसआई की इस डिस्पेंसरी में दवा वितरण के मामले में कागजी रिकार्ड चाहे जो बोलता फिरे असलियत ठीक इसके विपरीत है। हालात यह है कि निर्धारित समय में भी डिस्पेंसरी के देर-सवेर खुलने, चिकित्सक के प्राय: नदारद रहने तो कभी दवाईयों का पीछे से ही अभाव बताकर रोगियों को टकराने में देरी नही लगाई जाती। रोगियों को बार-बार चक्कर काटने व काफी मिन्नतें करने के बावजूद पर्याप्त दवाईयां उपलब्ध ना होने से निजी मेडिकल स्टोरों से पैसा खर्च कर दवाईयां खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। जिस कारण ईएसआई सफेद हाथी ही ज्यादा दिखलाई पड़ रही है। भुक्तभोगी रोगियों तथा जागरूक लोगों का कहना है कि इस करोनाकाल में जहां जरूरतमंद लोगों को दवाइयों को इतनी जरूरत है, वही यहां सोहना ईएसआई डिस्पेंसरी में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों ने समय का मजाक बनाया हुआ है। उन्होने बताया कि ईएसआई डिस्पेंसरी को खोले जाने के लिए सुबह के वक्त आठ बजे का समय निर्धारित है लेकिन दस-दस बजे डिस्पेंसरी नही खुलती। देर-सवेर डिस्पेंसरी खुल भी जाए तो डाक्टर समय पर नही आते। परेशान कई लोगों ने जब डिस्पेंसरी में डाक्टर के आने के समय का जानने का प्रयास किया गया तो बताया गया कि उनके पास और भी जगह का चार्ज है। इसलिए उनके आने-जाने का कोई समय तय नही है। ईएसआई डिस्पेंसरी में दवा के लिए डाक्टर को दिखाने व उपचार के लिए चक्कर काट रहे एक भुक्तभोगी ने नाम व पहचान का खुलासा ना किए जाने पर बताया कि वह बीते कई दिनों से अपने को डाक्टर को दिखाने के लिए भीषण गर्मी में लू के थपेड़ों को सहते हुए बार-बार चक्कर काट रहा है लेकिन डाक्टर नही मिल रहा है। पीडि़त की माने तो डिस्पेंसरी को खोले जाने के लिए सुबह आठ बजे का समय निर्धारित है लेकिन डिस्पेंसरी देर-सवेरे खोली जाती है। डिस्पेंसरी देर-सवेर खुलने के बावजूद डिस्पेंसरी में डाक्टर मौजूद नही मिलता। डॉक्टर के आने का समय पूछने पर बताया गया कि साढ़े 9 बजेे आएंगे। फिर बोला गया अंदर बैठे है लेकिन देखा तो कोई नही। फिर बोला गया कि बाहर गाड़ी में बैठे है लेकिन डॉक्टर बाहर भी किसी गाड़ी में मौजूद नहीं थे। ईएसआई डिस्पेंसरी में आने वाले कई लोगों का कहना है कि यहां पर डॉक्टर और स्टॉफ कोई समय पर नहीं आता है। जिससे जरूरतमंद लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस तरफ तनिक भी ध्यान नही दे रहा है।
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