केंद्र व किसान के बीच पांचवें दौर की वार्ता: कानून में संशोधन के प्रस्‍ताव पर राजी नहीं किसान, कहा- चाहिए ठोस जवाब

Khoji NCR
2020-12-05 10:46:46

नई दिल्‍ली, । पिछले 10 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधिमंडल व केंद्र के बीच विज्ञान भवन में पांचवें दौर की वार्ता शुरू हो गई है। इसमें किसानों की ओर से 40 प्रतिनिधि व कृषि मंत्री नरेंद

्र सिंह तोमर और वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल के अलावा पंजाब से सांसद व राज्‍य वित्‍त मंत्री सोम प्रकाश व कृषि मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हैं। ये किसान संसद के मानसून सत्र में पारित तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं। किसानों ने यहां तक कहा है कि वे इसमें संशोधन नहीं बल्‍कि पूरी तरह वापसी चाहते हैं। जानें अब तक के अपडेट- - किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच पांचवें दौर की वार्ता जारी है। सरकार की ओर से बैठक की मुख्‍य बातों का लिखित जवाब दे दिया गया है। बैठक के बीच अभी 15 मिनट का ब्रेक लिया गया है। - किसानों ने कहा कि उन्‍हें अपनी मांग के लिए समाधान/प्रतिबद्धता की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि वे आगे इसपर चर्चा नहीं चाहते हैं। इसके अलावा किसानों ने कहा कि उनकी मांग पर सरकार के फैसले को जानना चाहते हैं। - बैठक के दौरान किसान प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से पिछली बैठक के बिन्दुवार लिखित जवाब देने को कहा, जिसके लिए सरकार सहमत हो गई। - आजाद किसान संघर्ष कमिटी के प्रदेश अध्‍यक्ष हरजिंदर सिंह टांडा (Harjinder Singh Tanda) ने कहा, 'हम कानूनों की पूरी तरह वापसी चाहते हैं। यदि सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो हम आंदोलन जारी रखेंगे। - इसके लिए सिंघु (Singhu) बॉर्डर से रवाना हुए किसान नेताओं की बस विज्ञान भवन पहुंची। एक किसान नेता ने कहा, 'ये कानून रद होने चाहिए। यदि वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकलता तो भारत बंद (8 दिसंबर को) किया जाएगा।' इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर इसी मुद्दे पर बातचीत के लिए अहम केंद्रीय मंत्रियों के साथ उच्‍चस्‍तरीय बैठक संपन्‍न हो गई है। इसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह ( Union ministers Amit Shah), राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल शामिल हुए।

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