जिंदादिली की पहचान रहे पदमभूषण महाशय धर्मपाल आर्य : पूर्व नगरपार्षद हरीश नंदा

Khoji NCR
2020-12-05 08:10:05

सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर पंजाबी महासंघ के तत्वाधान में बैठक हुई। पूर्व नगरपार्षद व जिला योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रहे हरीश नंदा ने बताया कि बैठक में बिरादरी के लोगों ने पार्टीबाजी से ऊपर उठ

कर हिस्सा लिया। बैठक में मौजूद लोगों ने एमडीएच मसाले के प्रबंध निर्देशक पदमभूषण महाशय धर्मपाल गुलाटी आर्य के निधन पर शोक जताया और 2 मिनट का मौन रखकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। बैठक में बोलते हुए बिरादरी के प्रमुख लोगों ने कहा कि महाशय धर्मपाल गुलाटी आर्य पूरी तरह राष्ट्र और समाज के प्रति समर्पित थे और सदैव ही समाज से जुड़े कार्यों में अग्रणी रहते थे। उन्होंने कहा कि महाशय धर्मपाल गुलाटी आर्य के निधन से समाज को बहुत ही भारी क्षति हुई है, जिसकी पूर्ति असंभव है। उन्होंने कहा कि हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यहीं होगी कि हम उनके दिखाए रास्ते पर चलते हुए उनके अधूरे सपनों को साकार बनाए। पंजाबी महासंघ के अध्यक्ष हरीश नंदा, वेदप्रकाश धवन, डाक्टर नरेश पाहूजा, मुकेश राजपाल, विनीत रतड़ा, विपिन मल्होत्रा, नवीन जुनेजा, हेमंत नंदा, नगरपार्षद श्रीमती कमलेश नंदा, गिरधारी राजपाल, तरूण लटठ, लवली जुनेजा, उमेश कोकी समेत विभिन्न वक्ताओं ने महाशय धर्मपाल गुलाटी आर्य के निधन पर 2 मिनट का मौन रखकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उन्होने देश के लिए जो योगदान दिया, देश उसे सदैव याद रखेगा। इस मौके पर पंजाबी महासंघ के अध्यक्ष व पूर्व नगरपार्षद हरीश नंदा ने महाशय धर्मपाल गुलाटी आर्य के ओजस्वी जीवन पर प्रकाश डालते हुए उपस्थितों से उनके जीवन से प्रेरणा लेने की सीख दी और कहा कि उनके जीवन से हर किसी को प्रेरणा लेनी चाहिए। पाक-भारत विभाजन के समय सियालकोट से मात्र 1500 रुपए लेकर दिल्ली आए महाशय धर्मपाल ने यहां आने पर गुजर-बसर करने के लिए सबसे पहले 650 रुपए में एक तांगा खरीदा और नई दिल्ली से कुतुबरोड व पहाडग़ंज तक चलाना शुरू किया। इस दौरान वह सवारियों को आकर्षित करने के लिए 2 आने-2 आने सवारी चिल्लाते थे लेकिन सवारी नही मिलती थी। तांगा चलाने के बाद उन्होने अजमल खां रोड पर महाशय दी हटटी की ओर से मसाले की दुकान खोली और देश व सर्वजातीय समाज में अपनी विशिष्ठ पहचान बनाई। आज देश भर में एमडीएच की 12 फैक्टिरियां है। पहली फैक्टरी उन्होने वर्ष-1959 में कीर्तिनगर में खोली थी। उन्होने कभी भी उत्पाद की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नही किया और मसाला कंपनी की ख्याति पाने पर स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में भी जुट गए। स्वास्थ्य के क्षेत्र में जनकपुरी स्थित माता चानददेवी अस्पताल, माता लीलावती लैबोरेट्री, एमडीएच न्यूरो साईंस संस्थान नई दिल्ली, महाशय धर्मपाल एमडीएच आरोग्य मंदिर सेक्टर छियहतर फरीदाबाद, महाशय संजीव गुलाटी आरोग्य केन्द्र ऋषिकेश, महाशय धर्मपाल हृदय संस्थान सी वन जनकपुरी चल रहे है। इसके अलावा दिल्ली के द्वारिका में एक स्कूल भी चल रहा है। उन्हे मिठाई में रसमलाई व जलेबी पसंद रही। फोटो खिचवाने के व

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