सोहना रायसीना में अवैध फार्महाउस तोडऩे के लिए डीटीपीई का सर्वे तेजी से शुरू

Khoji NCR
2021-07-01 11:18:18

सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर सोहना व रायसीना अरावली वनक्षेत्र में रातोंरात अवैध रूप से पहाडिय़ों का सीना चीरकर वनक्षेत्र में बनाए गए अवैध फार्महाउसों को तोड़े जाने के लिए डीटीपीई टीम ने सर्वे

ुरू कर दिया है। चल रही गर्म लू और गर्मी के बावजूद डीटीपीई की टीम कंट्रोल एरिया घोषित होने से पहले विकसित हुए फार्महाउसों और अब वर्तमान में निर्माणाधीन फार्महाउसों की सूची तैयार करने के लिए सर्वे कार्य में जुटी है। डीटीपीई आरएस बाठ ने बताया कि एक सर्वे पूरा भी कर लिया गया है और दूसरा सर्वे अगले सप्ताह तक पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद अवैध फार्महाउसों को तोडऩे के लिए रूपरेखा बनाई जाएगी। रायसीना के अंसल के फार्महाउस जहां बिना स्वीकृति और बिना सीएलयू के अवैध रूप से फार्महाउस बनाए गए है। बिना सीएलयू निर्माणधीन फार्महाउसों की सूची भी तैयार हो रही है। डीटीपीई आरएस बाठ की माने तो कुछ लोग लुभावने विज्ञापन तैयार कर बिना लाइसेंस, बिना सीएलयू और बिना लिखित में विभागीय स्वीकृति के लिए लोगों को फार्महाउस बेचने की तैयारी में है। ऐसे बिल्डरों व जमीन मालिकों को भी चिन्हित करने का काम तेजी से किया जा रहा है ताकि समय रहते उनके खिलाफ पुलिस में मुकदमे दर्ज कर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा सके। देखने वाली बात ये है कि चंद दिन पहले नगरपरिषद प्रशासन की तरफ से रायसीना स्थित फार्महाउसों में तोडफ़ोड़ अभियान चलाया गया लेकिन तोडफ़ोड़ के दौरान तोडफ़ोड़ कम और खानापूर्ति ज्यादा की गई। फार्महाउस में बने आलीशन स्ट्रक्चर को हाथ भी नही लगाया गया तो कई को कागजात के बहाने छोड़ दिया गया। जिससे नगरपरिषद की तोडफ़ोड़ कार्रवाई पर उंगलियां उठने लगी। ऐसे में अब डीटीपीई ने अरावली वनक्षेत्र में बने अवैध फार्महाउसों को तोडऩे के लिए सर्वे कार्य चलाया है ताकि अवैध फार्महाउसों की पहचान कर सीधा तोडफ़ोड़ की कार्रवाई को अंजाम दिया जा सके। डीटीपीई आरएस बाठ की माने तो योजनाकार विभाग के महानिर्देशक केएम पांडुरंग के स्पष्ट निर्देश है कि अरावली वनक्षेत्र और उससे सटे इलाकों में जो पुराने फार्महाउस बने हुए है अथवा जिनमें निर्माण कार्य चल रहा है, उनका सर्वे प्लान तैयार कर दिया जाए ताकि सख्त कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की जा सके। अरावली वनक्षेत्र में बने सभी फार्महाउसों का सर्वे कार्य तेजी से चल रहा है। पर्यावरणप्रेमियों का कहना है कि एनजीटी के कड़े तेवरों को देख डीटीपीई विभाग की भी कुंभकर्णी नींद टूट गई है। एनजीटी के इस मामले में कड़े तेवरों को देख डीटीपीई विभाग ने अब सोहना-रायसीना क्षेत्र में अवैध रूप से बने फार्महाउसों का सर्वे कार्य तेज कर दिया है ताकि डीटीपीई विभाग को पता चले कि कौन सा फार्महाउस किसके नाम पर है। फार्महाउस बनाने वाला व्यक्ति कहां का रहने वाला है? उसने फार्महाउस के लिए जमीन कब खरीदी और यह जमीन किससे खरीदी गई तथा किसकी लिखित अनुमति से यहां फार्महाउस बनाया। क्या फार्महाउस बनाने से पहले सभी संबंधित विभागों से लिखित में अनुमति ली गई अथवा नही। माना जा रहा है कि चालू सप्ताह के अंत तक सर्वे कार्य पूरी कर ली जाएगी लेकिन हैरानी भरी बात ये है कि वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों को पता ही नही है कि वन भूमि पर यहां कितने फार्महाउस बने हुए है। ऐसे हालातों में वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे है तो तोडफ़ोड़ के नाम पर स्थानीय नगरपरिषद के अधिकारियों की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ रही है क्योकि कई साल पहले भी इन अवैध फार्महाउसों के मामले के तूल पकड़े जाने पर वन विभाग की तरफ से सर्वे किया गया था। उस वक्त किए गए सर्वे की रिपोर्ट पर कौन अधिकारी कुंडली मारे बैठा है, इस बारे में वन विभाग का कोई अधिकारी-कर्मचारी मुंह खोलने को तैयार नही है तो सेवानिवृत वन संरक्षक व पर्यावरण कार्यकर्ता डाक्टर आरपी बलवान इस मामले में वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाकर संदेह के घेरे में ला रहे है और कह रहे है कि जब कई वर्षों पहले सर्वे किया गया तो वह सर्वे रिपोर्ट कहां गई? अधिकारी दोबारा सर्वे के नाम पर समय बर्बाद कर रहे है। वन विभाग की पुरानी सर्वे रिपोर्ट निकाल कर डीटीपीई को अवैध फार्महाउसों के खिलाफ जल्द कार्रवाई शुरू करनी चाहिए। काबिले गौर यह है कि एनजीटी ने अरावली पहाड़ी वाले वनक्षेत्र में वन भूमि पर बने सभी फार्महाउसों को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया है। आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि वनक्षेत्र को दोबारा से पुरानी स्थिति में लाया जाए। एक अनुमान के मुताबिक अरावली वनक्षेत्र में 2 हजार से ज्यादा फार्महाउस बने हुए है।

Comments


Upcoming News