मुख्यमंत्री ने की सीएमजीजीए के कार्य की सराहना

Khoji NCR
2021-07-01 09:17:23

डीसी के मार्गदर्शन में अहम प्रोजेक्ट को चढ़ाया सिरे नारनौल, 1 जुलाई। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गतदिवस चंडीगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगियों की सेवाओं

योगदान के लिए उनकी सराहना की। इसी कड़ी में महेंद्रगढ़ के सीएमजीजीए कौस्तुभ विराट को भी महिला सुरक्षा, सरल सेवा, धरोहवर-ए-नारनौल व पुस्ताकलय को ज्ञान केंद्र के रूप में विकसित करने पर सम्मानित किया गया। राज्य सरकार की नीति के अनुसार कुछ पायलेट प्रोजेक्ट को विशेष गति देने के लिए मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगियों की एक वर्ष के लिए नियुक्ति की जाती है। इस दौरान वे संबंधित उपायुक्तों का सहयोग करते हुए इन पायलेट प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने में अहम योगदान देते हैं। महेंद्रगढ़ जिले में यह जिम्मेवारी महाराष्टï्र निवासी कौस्तुभ विराट को दी गई थी। आईआईईटीएन विराट ने एक वर्ष के दौरान विभिन्न प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाया है। उन्होंंने नारनौल के लघु सचिवालय के पुराने भवन में बनाए गए वन स्टॉप सेंटर के कार्यों पर लगातार नजर रखी। यहां पर मौजूद सुविधाओं के साथ-साथ कर्मचारियों के साथ तालमेल करके इस सेंटर पर आने वाली प्रत्येक पीडि़ता को हर संभव सहायता दिलवाने का काम किया। महिला सुरक्षा व उन्हें न्याय दिलाने की दृष्टिï से जिला का वन स्टॉप सेंटर का कार्य बेहतरीन रहा है। नागरिकों को समयबद्घ व पारर्दशी तरीके से सेवाएं देने के लिए अंत्योदय सरल केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन सभी केंद्रोंं पर कोविड जैसी महामारी के दौरान भी लोगों को अच्छी सेवाएं दी गई। वहीं कोविड-19 प्रबंधन में जिला प्रशासन की सहायता की। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक स्थलों के पुनरुद्धार के लिए उपायुक्त अजय कुमार के निर्देश पर हरियाणा व केंद्रीय पुरातत्व विभाग से तालमेल करके जलमहल तथा राय बालमुकुंद के छत्ते सहित तमाम ऐतिहासिक स्थलों का जमीनी रिकार्ड निकलवाकर विभाग की सहायता की तथा इसके पुनरुद्धार कार्यक्रम की शुरूआत भी करवाई। इतना ही नहीं उन्होंने सामुदायिक रेडियो अरावली केंद्र के सहयोग तथा विभिन्न इतिहास के जानकार लोगों के साथ मिलकर सभी ऐतिहासिक स्थलों को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का निर्माण भी करवाया। सीएम ने कहा कि धरोहर-ए-नारनौल जैसी परियोजना की बहुत जरूरत है। यह संस्कृति और विरासत को संरक्षित करने का एक प्रयास है। यह विरासत आने वाली पीढिय़ों के लिए एक उपहार होगा और उन्हें अपने इतिहास को समझने में मदद करेगा। उन्होंने जिला प्रशासन महेंद्रगढ़ द्वारा संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने सीएमजीजीए को क्षेत्र को व्यापक बनाने और कई पहलुओं पर काम करने और जिले को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। इस मौके पर कार्यक्रम निदेशक राकेश गुप्ता मौजूद थे। सीएमजीजीए कौस्तुभ विराट ने पत्रकारों को बताया कि महेंद्रगढ़ के छात्रों में काफी संभावनाएं हैं। यहां के छात्रों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रतियोगी परीक्षा के लिए पुस्तकालय आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए एक मंच प्रदान करने का एक प्रयास है। इस पहल के माध्यम से जिला प्रशासन एक ज्ञानवान मानव संसाधन विकसित करने पर काम कर रहा है जो प्रगति के लिए जरूरी है। उन्होंने पूरे प्रोजेक्ट में मदद करने के लिए महेंद्रगढ़ के लोगों और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया। इस अभियान को अगले स्तर तक ले जाते हुए पुस्तकालय के डिजिटलीकरण पर काम चल रहा है। उन्होंने लोगों से कंप्यूटर, प्रिंटर, बारकोड स्कैनर आदि सामान दान करने का अनुरोध किया ताकि तत्काल प्रभाव से काम शुरू किया जा सके। धरोहर-ए-नारनौल के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह एएसआई, राज्य पुरातत्व विभाग, राज्य पर्यटन विभाग आदि सहित कई विभागों के सहयोग से काम कर रहे हैं। अभी तक जल महल, राय बालमुकुंद (बीरबल) का छत्ता और मिर्जा अली तख्त बावड़ी को पुनर्जीवित करने के प्रस्ताव बनाकर आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों को भेज दिया गया है। स्मारकों के महत्व पर एक डॉक्यूमेंट्री तैयार की गई है। इसे बहुत जल्द रिलीज किया जाएगा। इसी प्रकार अगले चरण में साउंड एंड लाइट शो, हेरिटेज वॉक व जिला संग्रहालय आदि पर काम करेंगे। उन्होंने डीसी महेंद्रगढ़ का मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया।

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