जल बचत के लिए सरकार दे रही धान फसल की जगह तिलहन व दलहन फसलों को बढ़ावा : एसीएस डॉ सुमिता मिश्रा

Khoji NCR
2021-06-30 11:03:54

-वीसी में उपायुक्तों को दिए निर्देश, फसल विविधिकरण के निर्धारित लक्ष्य को हर हाल में करें पूरा धनेश विद्यार्थी, रेवाड़ी। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा

े कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल धान व बाजरे की फसल की जगह तिलहन व दलहन की फसलों को बढ़ावा देने के लिए गंभीर है। इसके लिए किसानों को तिलहन व दलहन के बीजों पर 90 प्रतिशत सब्सिडी व 4 हजार रूपये की नकद राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्त अपने-अपने जिलों में फसल विविधिकरण के निर्धारित लक्ष्य को अवश्य पूरा करवाएं। उन्होंने कहा कि किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा व मेरा पानी-मेरी विरासत पोर्टल पर फसल का पंजीकरण करवाने के लिए जागरूक करें। पोर्टल पर गलत पंजीकरण न होने पाए, अगर इस प्रकार की कोई शिकायत मिलती है तो इसके लिए संबंधित पटवारी व डाटा एंट्री ऑपरेटर जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। एसीएस डॉ सुमिता मिश्रा बुधवार को वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी जिला उपायुक्तो व उप-निदेशक कृषि अधिकारियों के साथ फसल विविधिकरण को लेकर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा कर रही थी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पानी को बचाने के लिए धान की जगह तिलहन व दलहन की फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा तिलहन व दलहन की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी में अभूतपूर्व बढ़ोतरी करके किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने का काम किया है। इसके अलावा किसानों की भलाई के लिए अनेक योजनाएं चलाई गई है, उन सभी योजनाओं का किसानों को लाभ अवश्य मिले। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर आई शिकायतों का तुंरत निपटान करें ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े। उन्होंने बताया कि 15 जुलाई तक पोर्टल खुला है, अधिक से अधिक किसानों को पंजीकरण करवाने के लिए प्रेरित किया जाएं और अपने-अपने जिलों में इसके लिए मुहिम चलाए। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी 30 अगस्त तक पंजीकरण का डाटा हर संभव भेजा जाए ताकि वेरिफिकेशन का कार्य करवाया जा सके। उन्होंने उप-कृषि निदेशकों को भी निर्देश दिए कि वे अपने जिलों में तिलहन व दलहन की मार्किटिंग के लिए मंडियों की सूचना मुख्यालय को भेजना सुनिश्चित करें। वीसी में उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने बताया कि मेरा पानी-मेरी विरासत पोर्टल पर 1475 एकड़ में से 260 एकड़ भूमि का 174 किसानों ने पंजीकरण करवा लिया है। इसी प्रकार मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर भी जिला में 5 हजार 789 किसानों 23 हजार 233 एकड़ का पंजीकरण हो चुका है। शेष भूमि के पंजीकरण के लिए भी किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला में 246 किसानों ने बाजरा की फसल को छोडक़र तिलहन व दलहन फसल को अपनाया है तथा 385 एकड़ भूमि का विविधिकरण हो चुका है। डीसी ने मूंगफली, अरण्ड़ व मूंग की उपज की खरीद की मंडी के लिए रेवाडी को नामित करने की सिफारिश भी की। डीसी ने वीसी में बताया कि जिला में मूंग की खेती के लिए 12 हजार 250 एकड़, अरण्ड़ 300 एकड़, मूंगफली 500 एकड़ का लक्ष्य रखा गया है। इसी प्रकार मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत कुल 1475 एकड़ का लक्ष्य रखा गया है जिमसें मक्का के लिए 25 एकड़, कपास 250 एकड़, मूंग 100 एकड़, तिल व मूंगफली 100 एकड़, चरी और खाली का 1000 एकड़ शामिल है। उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने किसानों का आह्वïान किया कि जिला रेवाडी में बाजरा फसल को छोडकर किसान मूंग, अरण्ड, मूंगफली व तिल को अपना कर फसल विवधिकरण योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है। इसके लिए किसान फसल हरियाणा डॉट इन पर मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते है। सरकार द्वारा 4 हजार रूपए प्रति एकड़ का लाभ किसानों को दिया जा रहा है। वीसी में सीटीएम रोहित कुमार, डीआरओ राजेश ख्यालिया, जिला बागवानी अधिकारी डॉ सतबीर शर्मा, डीएम हैफेड संतलाल, उपमंडल कृषि अधिकारी डॉ दीपक, तहसीलदार रेवाडी प्रदीप देशवाल, तहसीलदार बावल मनमोहन सहित नायब तहसीलदार व अन्य विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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