कबीर की रचनाएं युगों तक मानव कल्याण का रास्ता दिखाती रहेंगी : एसडीएम नारनौल। संत कबीर दास एक महान कवि तथा समाज सुधारक थे। उनकी रचनाएं जीवन व समाज को सुधारने को समर्पित थी। उन्होंने अंधविश्व
स और अंधश्रद्धा के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी। उनकी रचनाएं युगों तक मानव कल्याण का रास्ता दिखाती रहेंगी। यह बात एसडीएम मनोज कुमार ने आज संत कबीर दास की जयंती के अवसर पर लघु सचिवालय के मीटिंग हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में कही। इससे पहले कबीर जयंती पर शाम 7:00 बजे चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित भजन संध्या कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखाया गया जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेशवासियों को अपना संदेश दिया। इस मौके पर एसडीएम ने कहा कि संत कबीर दास भक्तिकाल के महान कवि थे। कबीरदास को कर्म प्रधान कवि भी कहा गया है। हिंदी साहित्य में उनका अहम योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि कबीर की रचनाएं बहुत खूबसूरत और सजीव हैं जिनमें समाज की झलकियों को दर्शाया गया है। उनका संदेश सीधा और स्पष्ट होता था। उनके संदेश पहले भी उतने ही प्रासंगिक थे तथा आज भी और भविष्य में भी प्रासंगिक रहेंगे। वे कवि होने के साथ समाज कल्याण और समाज हित के काम में भी व्यस्त रहते थे। उनकी इसी उदारता के लिए उन्हें संत की उपाधि भी दी गई थी। उन्होंने कहा कि संत कबीर दास ने हमेशा अपने दोहों के माध्यम से समाज में प्रचलित कुरीतियों एवं भेदभाव के विरुद्ध जन-जागृति पैदा की। उनके सद्भावना और मानवता के संदेश देशवासियों को सदैव प्रेरित करेंगे। मंच संचालन डॉक्टर ममता शर्मा ने किया। इस मौके पर चेयरमैन छोटेलाल भागीरथ खनगवाल सुभाष चंद नारनोलिया ओमप्रकाश खनगवाल कल्याण विभाग से धर्मेंद्र के अलावा अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
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