कैब में सवारी के नाम पर गाड़ी में बैठाकर लूटपाट करने वाले गिरोह के दो बदमाश गिरफ्तार

Khoji NCR
2021-06-23 10:56:14

सोहना,(उमेश गुप्ता): सीआईए पुलिस ने बुधवार को कैब के नाम पर सवारियों को गाड़ी में बैठाकर लूटपाट करने के आरोप में दो बदमाशों को पकडऩे में कामयाबी पाई है। पकड़े गए बदमाशों की पहचान जुनेद पुत्र जा

ेद निवासी नट कॉलोनी, शहर सोहना और समूम पुत्र नूर मोहम्मद निवासी गांव रायपुर, शहर सोहना के रूप में हुई है। पुलिस फिलहाल बदमाशों से पूछताछ में जुटी है। पुलिस ने पकड़ में आए बदमाशों के पास से एक सवारी से लूटा गया मोबाइल और एक हजार 500 रुपए नकद भी बरामद किए है। बदमाशों को शहर सोहना के बाईपास क्षेत्र में डाक्टर भीमराव अंबेडकर चौक से पकड़ा गया है। पुलिस ने पकड़ में आए दोनों आरोपियों को अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए एक दिन की रिमांड पर लिया है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ चल रही है ताकि लूट में प्रयुक्त की गई गाड़ी को कब्जा पुलिस में लिया जा सके। पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने लूट में प्रयुक्त की गाड़ी को किराए पर लेकर लूट व छनैती की वारदात को अंजाम दिया। एसीपी क्राईम प्रीतपाल सिंह सांगवान के अनुसार रविकांत पुत्र कृष्णदत्त निवासी गांव जनोली, जनपद पलवल ने सोहना शहर थाना पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि वह सत्रह जून को जब वह शाम को करीब चार बजे अपने घर जाने के लिए सोहना शहर में रोडवेज बसअडडे के बाहर खड़ा था, तभी एक टैक्सी नंबर एचआर55एबी-2864 हुंडई-20 गाड़ी उसके पास आकर रूकी, जिसमें एक युवक पहले से पीछे की तरफ गाड़ी में बैठा हुआ था और गाड़ी चालक पलवल जाने के लिए आवाज लगा रहा था। जब उसने कार चालक से पलवल जाने के लिए पूछा तो उसने हां भर दी और उनके कहने पर गाड़ी में बैठ गया। गांव लाखुवास के समीप पहुंचने पर कार चालक ने अचानक कार रोक ली और उसके साथ मारपीट कर एटीएमकार्ड छनैती करने के बाद गाड़ी को वापिस मोडकर रहेजा सोसायटी में ले गए। वहां कार चालक व उसके साथी ने उससे पचास हजार रुपए की फिरोती मांगी और उसकी जेब में रखे 1500 रुपए भी छनैती कर लिए। तभी अचानक पुलिस की गाड़ी का सायरन सुनकर बदमाश उसको वही छोडक़र भाग गए। पीडि़त का कहना है कि उसे अंदेशा है कि दोनों आरोपियों ने फिरोती लेने के लिए उसे चालाकी से अगवा किया और फिर मारपीट करके छनैती की वारदात को अंजाम दिया। एसीपी क्राईम प्रीतपाल सिंह सांगवान के अनुसार पुलिस के पास शिकायतें आ रही थी कि दोबारा से बदमाशों का कोई ऐसा गिरोह सक्रिय है, जो रात के वक्त विभिन्न आवाजाही वाले सडक़ मार्गों पर अपनी कैब को खड़ी कर कैब के नाम पर सवारियों को गाड़ी में बैठाकर रास्ते में सवारियों से मारपीट कर गनप्वाइंट की नोक पर उनसे लैपटाप, नकदी, पर्स, एटीएम और क्रेडिट कार्ड आदि समेत तमाम सामान लूट लेते थे और फिर सवारी को सुनसान जगह पर ले जाकर अच्छी तरह से जमकर मार लगाने के बाद अधमरी हालत में सुनसान सडक़ पर सडक़ किनारे खेतों में डालकर भाग जाते थे। ऐसी वारदातों के कई मामले सामने आने पर पुलिस आयुक्त ने इस गिरोह को पकडऩे की जिम्मेदारी सीआईए पुलिस को सौंपी। जिस पर सीआईए पुलिस इस गिरोह के बदमाशों की पहचान में जुट गई। इसी बीच सीआईए पुलिस को मुखबिर खास से सूचना हाथ लगी कि इस बदमाश गिरोह में शामिल दो युवक शहर सोहना के बाईपास क्षेत्र में डाक्टर भीमराव अंबेडकर चौक के समीप एक स्थान पर खड़े हुए है। यदि फौरन छापेमारी की जाए तो बदमाशों को पकड़ा जा सकता है। सूचना को सही मान सीआईए पुलिस टीम बताए गए स्थान पर पहुंच गई और जैसे ही वहां मौजूद बदमाशों को ललकारा तो बदमाश भागने लगे लेकिन सीआईए ने चुस्ती दिखाई और घेराबंदी डाल बदमाशों को पकड़ लिया और उन्हे पूछताछ के लिए थाने में ले आई। पुलिस की माने तो बदमाशों ने खुलासा किया है कि वह विभिन्न चौक-चौराहों पर रात के वक्त वाहन की इंतजार में खड़ी सवारियों को अपनी गाड़ी में लिफ्ट देने के नाम पर बैठा लेते थे और रास्ते में लूटपाट की वारदात को अंजाम देते थे। वह ऐसी सवारियों को ज्यादा बैठाते थे, जिनके पास लैपटाप, बैग आदि सामान हो या फिर उसने कोई आभूषण आदि कीमती सामान पहन रखा हो। अपनी गाड़ी में ऐसी सवारियों को बैठाने के बाद वह अपने मनमाफिक स्थान पर पहुंचने पर पेशाब या उल्टी का बहाना बनाकर गाड़ी को रोक लेते और सवारी को बीच में धकेल कर डरा-धमका व मारपीट करके गनप्वाइंट की नोक पर उससे मोबाइल फोन, घड़ी, लैपटाप, पर्स, एटीएम कार्ड आदि छीन लेते और फिर छीने गए एटीएम कार्ड का पिन नंबर सवारी से जानने के बाद वह रास्ते में एटीएम मशीन से सवारी के एटीएम कार्ड के जरिए पैसे निकाल कर सवारी को गनप्वाइंट की नोक पर ले बुरी तरह मारपीट कर अधमरी हालत में किसी भी सुनसान स्थान पर सडक़ किनारे डालकर भागने में कामयाब हो जाते थे। सीआईए पुलिस की माने तो बदमाशों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उन द्वारा लोगों से छीना-झपटी व लूट के जरिए जो पैसे इकटठे होते थे, उन्हे वह महंगे कपड़े, खाने-पीने में खर्च कर अपने सभी शौकों को पूरा करते थे।

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