सोहना को नही मिली छुटटा पशुओं से निजात-जाम में सहायक बन सडक़ हादसों को बढ़ावा दे रहे है पशु

Khoji NCR
2021-06-22 12:14:00

सोहना,(उमेश गुप्ता): सोहना शहर को आवारा पशुओं से मुक्त करने के दावे यहां पर नगरपरिषद प्रशासन की बरती जा रही अनदेखी और लापरवाही के चलते नाकाम साबित हो रहे है। उपायुक्त डाक्टर यश गर्ग की माने तो प

्रशासन ने दिसंबर-2021 तक सोहना समेत पूरे जिले को आवारा पशुओं से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। जागरूक लोगों का कहना है कि अन्य स्थानों पर तो पशुओं को पकड़ कर गौशालाओं में भेजने के लिए अभियान चलाए गए लेकिन सोहना शहर में लोगों के बार-बार आवाज उठाने के बाद भी नगरपरिषद अभियान चलाना तो दूर अभी तक शुरू ही नही कर पाई है। जिससे नगरपरिषद की कार्यप्रणाली पर उंगलियां उठ रही है और हरियाणा गौसेवा आयोग चेयरमैन व उपायुक्त के दिए गए निर्देश यहां पर नगरपरिषद प्रशासन की बरती जा रही लापरवाही व मनमानी के आगे बौने और कागजी बनकर रह गए है और आज भी आवारा पशु पूरा-पूरा दिन सडक़ों पर घूम रहे है, जो जाम लगाने में सहायक बन रहे है तो हादसे भी हो रहे है। कई बार दोपहिया वाहन चालक इन पशुओं के हमले में घायल हो चुके है तो कई राहगीर इनकी चपेट में आकर अस्पताल पहुंच चुके है। यह आवारा पशु राहगीरों पर हमला करने और दुकानदारों के खानपान की वस्तुओं में मुंह मारने बाज नही आ रहे है। व्यापारियों की माने तो शहर में लगभग सभी सडक़ों पर आजकल आवारा गायों की भरमार है। देखने में आ रहा है कि यह गाय ऐसे लोगों की है, जो सुबह के वक्त इनका दूध निकाल लेते है। उसके बाद इन्हें हरा चारा उपलब्ध कराने की बजाय खूंटे से खोल देते है। जिस कारण यह गायें यहां पर बाजार, गली, मोहल्ले, वार्डों में पूरा दिन विचरती रहती है। ताज्जुब तो यह है कि दिन के वक्त आवारा घूमने वाली इन गायों का अनाजमंडी, सब्जीमंडी, शहर का दिल कहलाने वाले शहीद भगत सिंह चौक, पुराना बसअड्डा, महाराजा अग्रसेन पार्क, लेबर चौक, गर्मचश्मा शिवकुंड, पुराना तहसील कार्यालय, बसअडडा रोड और नगरपरिषद कार्यालय के सामने जमावड़ा लगा रहता है। 8 से लेकर 15-15 की तादाद में झुंड बनाकर चलने वाली ये गायें अपनी भूख मिटाने के लिए इधर-उधर मुंह मारती है। कूड़े-कचरे के ढेर में प्लास्टिक की पॉलीथीन तक भूख के चक्कर में गाय खा जाती है। कई बार तो राहगीरों के थैले झपट उनका सामान तक बिखेर देती है तो कई बार बच्चे इनकी चपेट में आकर चोटग्रस्त हो चुके है। ताज्जुब तो यह है कि दिन भर शहर में आवारा घूमने वाली इन गायों की तरफ ना तो स्थानीय नगरपरिषद प्रशासन ही ध्यान दे रहा है और ना ही अपने को गौप्रेमी कहलाने वाले गौपालक अथवा गऊशालाएं संचालित करने वाली संस्थाएं। देखने वाली बात ये है कि पहले भी यहां पर दिन व रात के वक्त घूम रही इन आवारा गायों को कई बार रात के वक्त अथवा मुंह अंधेरे गौतस्कर गाडिय़ों में भरकर ले जा चुके है। गौभक्तों का कहना है कि गौतस्करों के गायों को गाड़ी में चढ़ाते वक्त गौतस्करी में लोग फौहाराचौक, अनाजमंडी, सब्जीमंडी, हनुमानबगीची आदि स्थानों के साथ-साथ चौकीदारों तक पर नुकीले पत्थरों की बौछार कर जानेलवा हमला बोल देते है और गायों को चुराकर ले जाने में कामयाब हो जाते है। समाजसेवी मुकेश राजपाल, अग्रवाल युवा नेता लोकेश अग्रवाल, डाक्टर राहुल सिन्हा, प्रवीण राघव कालू, शिवकुंड के पूर्व प्रबंधक राजेश राघव, कर्मपाल बोकन, भारत भीमवाल, पूर्व नगरपार्षद ओमप्रकाश सैनी आदि जागरूक लोगों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि सोहना में दिन भर आवारा घूमने वाली गायों को पकड़ कर या तो नगरपरिषद के बाड़े में रखा जाए अन्यथा इन्हे क्षेत्र में बनी किसी भी नजदीकी गौशाला में पहुंचाने का प्रबंध किया जाए और जो लोग अपनी गायों का दूध निकालने के बाद दिन में उन्हें खूंटे से खोल आवारा छोड़ देते है, ऐसे लोगों की पहचान कर उन पर पहली बार तो अर्थ दंड यानि जुर्माना लगाया जाए और बेजुबान पशु गाय को अपने स्वार्थों की खातिर दोबारा छोड़े जाने पर गाय को कब्जा पुलिस में ले नजदीक की गौशाला में पहुंचाया जाए और गाय मालिक के खिलाफ बाकायदा पुलिस थाने में आपराधिक मामला दर्ज किया जाए ताकि आवारा गायों पर रोकथाम लग सके व आवारा पशुओं से होने वाले हादसों पर भी रोक पाई जा सके। सोहना जोन की एसडीएम डाक्टर चिनार चहल का कहना है कि इस बारे में उनके पास भी काफी शिकायतें आ रही है। उन्होने नगरपरिषद प्रशासन को पुलिसबल और मेन पावर साथ लेकर जल्द से जल्द इन आवारा पशुओं को पकडऩे और पकड़े गए पशुओं को दूर-दराज जिलों की गौशालाओं में भेजने के निर्देश दिए है। जल्द ही पशुओं को पकडऩे के लिए अभियान चलेगा।

Comments


Upcoming News