सोहना,(उमेश गुप्ता): मुख्यमंत्री मनोहरलाल सरकार में अरावली के साथ-साथ वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग एकाएक सक्रिय हो गया है। वन विभाग ने अरावली के साथ-साथ वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर
न विभाग नए साल के दौरान अरावली इलाके में जीव-जंतुओं की गिनती कराए जाने और जगह-जगह सूचनात्मक बोर्ड लगाने का निर्णय लिया है। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) एमएस मलिक की माने तो सोहना की पहाडिय़ों के साथ-साथ गांव रायसीना, मंडावर, भौंड़सी, दमदमा, रिठौज, घामडौज, गैरतपुरबंास, कादरपुर, बैरमपुर, बंधवाड़ी, मांगर, वजीराबाद से लेकर मेवात तक अरावली पहाड़ी में काफी हरियाली है। इसी वजह से अधिकतर वन्य जीव इन्ही पहाडिय़ों में रहते है। अरावली पहाड़ी क्षेत्र के वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर कई स्तर पर कदम उठाए जा रहे है। देहरादून स्थित वाइल्ड लाइफ इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया से आई अरावली टीम वन्य जीवों की प्रजातियों व उनकी संख्या जानने के लिए सर्वे करेगी। इस टीम के सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही जीव-जंतु के संरक्षण की नीति तैयार की जाएगी। इस दौरान क्षेत्र व जिले में कार्यरत वन्य जीव अधिकारियों को भी जीव-जंतुओं की गिनती को लेकर प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि भविष्य में अधिकारी खुद भी गिनती कर सके। मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) एमएस मलिक की माने तो मिलेनियम सिटी से अलवर तक करीब 126 किलोमीटर अरावली का क्षेत्र फैला हुआ है। इस अरावली क्षेत्र में चीता, तेंदुए, बंदर, गीदड, गोह, लक्कडबग्घा, नील गाय, लोमडी, जंगली सूअर समेत विभिन्न प्रजातियों के जीव-जंतु है। बीते 3 वर्षों में सडक़ हादसे में 3 तेंदुए मर गए। इसके अलावा दूसरे क्षेत्र के जंगल से निकल कर कई तेंदुए अरावली क्षेत्र में आ गए। कई जानवरों को तेंदुओं ने अपना शिकार बना लिया। इसलिए जीव-जंतुओं के संरक्षण के लिए उनकी गिनती कराई जा रही है ताकि उनके संरक्षण के लिए ठोस नीति बनाई जा सके। सूत्रों ने खुलासा किया कि वर्ष-2019 में जीव-जंतुओं की तस्करी के मामले जिले में सामने आए। कई बार अरावली में गोह भी भरी मिली। जांच के दौरान सामने आया कि तस्कर व तांत्रिक गोह के अंगों को काटकर तंत्र-मंत्र के लिए लेकर जा रहे थे। अंग काटने के बाद गोह को तड़पने के लिए जंगल में छोड़ देते थे, जो कुछ देर तड़पने के बाद दम तोड़ देती थी। इस मामले में वन्य जीव टीम ने पहले भी सेक्टर चालीस स्थित हवन-पूजा सामग्री की दुकान पर छापा मारा था। छापे में सेक्टर पंद्रह की एक अन्य दुकान का भी खुलासा हुआ। यहां से पुलिस को तस्करी किए गए शंख भी बरामद हुए थे। ऐसे हालातों में अरावली वनक्षेत्र में तेंदुए की खाल का व्यापार करने वाला अंतर्राष्ट्रीय गिरोह भी सक्रिय होने की संभावनाएं लोगों में जोर पकड़ रही है। अरावली इलाके वाली सडक़ों पर सावधानी बरतने से संबंधित सूचनात्मक बोर्ड लगाए जाने से वाहन चालक कुछ मीटर पहले ही अलर्ट हो जाएंगे और लगाए गए सभी बोर्ड पर लिखा रहेगा कि आसपास के इलाके म
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