मातृभूमि की सभ्यता-संस्कृति से जीवन भर रहेगा लगाव।चिन्नी खटटर

Khoji NCR
2021-06-16 10:05:21

सोहना : अशोक गर्ग कहते हैं जब मन में लोगो की सेवा करने की ललक हो तो सात समुंदर दूर रहकर भी सेवा की जा सकती है।ऐसा ही सेवा भावना रखने वाले पंजाब प्रांत में जन्में हाल कनाडा देश मे रह रहे (एनआरआई) चि

न्नी खटटर अपने देशवासियो की मदद मे जुटे हैं।उनके भीतर देशवासियों के लिये अथाह प्रेम है। अपनी मातृभूमि के लिए सेवा भाव व प्यार साफ झलकता है। अपनो के लिये उनके दिल में इतना प्यार भरा हुया है की विदेश में बसने के बाद भी अपनी मातृभूमि से उतना ही लगाव बना हुया है।व उनका मानना है की भारतीय संस्कृति सभ्यता का पूरे विश्व में कोई सानी नही हैं।अपने मातृभूमि के लिए सेवा भाव जीवन भर रहेगी।यहां के जरूरत मंद लोगो को हर संभव सहायता के लिए तत्पर रहेंगे ये कहना है (एनआरआई) चन्नी खटटर का।पंजाब के लुधियाना शहर में जन्मे चिन्नी का समाजसेवा के क्षेत्र में एक पहचान है।कनाडा देश मे अपने करोबार के साथ बच्चों के लिए चेरिटी करते हैं।उनका दुख सुख बांटते हैं।इतना ही नही कोरोना काल में अपनी मातृभूमि के जरूरत मंद लोगो की सेवा की। कोरोना संक्रमण के संकट के दौर मे जब आक्सीजन व अन्य स्वास्थ संबंधी जरूरतों के लिये हाहाकार मचा था उन दिनो चिन्नी खटटर ने जरूरत मंद कोविड़ संक्रमित मरीजों की मदद के लिये 10 आक्सीजन कंसनट्रेट्र भिजवाये।जो कोरोना संक्रमित मरीजो को निशुल्क उपलब्ध करवाये गये। पंजाब गुरूगाम व दिल्ली मे असाह बच्चों को गोद लिया।समाजसेवी चिन्नी ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि जरुरतमंद लोगो की सेवा करने में उनके मन को शकुन मिलता है।अपनी मातृभूमि से विशेष लगाव है इसलिये वे अपनी सामाजिक संस्था के माध्यम से देश के जरूरत मंद लोगो की चेरिटी से सेवा करते रहेंगे।खटटर बताते हैं कि 11साल की उम्र मे अपने पिता के साथ कनाडा देश चले गये थे।वहां स्कूली शिक्षा ग्रहण करने के बाद ड्राइविंग ट्रेनिंग प्ले स्कूल चलाया।रात दिन मेहनत की जिससे एक सफल कारोबारी के रूप में पहचान मिली। समाज सेवा की भावना बचपन से ही थी।स्माईल ओर्गनिज़ैनेशन सामाजिक संस्था के तहत अपाहिज बच्चों को गोद लिया।अपने देश के जरूरत मंद व अपाहिज बच्चों को शिक्षित बनाने के लिये एक मुहिम के तहत उनका भविष्य सवारने का प्रयास जारी रहेगा।

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