नई दिल्ली, । बॉलीवुड की वरिष्ठ और दिग्गज अभिनेत्री नीना गुप्ता इन दिनों फिल्मों के अलावा अपनी ऑटोबायोग्राफी 'सच कहूं तो' को लेकर भी चर्चा में हैं। इस ऑटोबायोग्राफी में उन्होंने अपने फिल्मी क
ियर के अलावा निजी जिंदगी से जुड़े ढेर सारे खुलासे किए हैं। नीना गुप्ता ने 'सच कहूं तो' किताब में अपने उन पलों का भी जिक्र किया है जब लोग उनके पहनावे को देखकर उन्हें बहनजी और बेशर्म बोलते थे। नीना गुप्ता फिल्मों में अपने खास अभिनय और किरदारों के लिए जानी जाती हैं। ऑटोबायोग्राफी 'सच कहूं तो' में उन्होंने अपनी जिंदगी के अनुभव को साझा करते हुए कहा है कि अपनी जीवन में एक बिंदु पर उन्हें एक ही सांस में लोग 'बहनजी' और 'बेशर्म' कहने लगे थे। किताब में नीना गुप्ता ने हैरानी जताई है कि कैसे यह शब्द उन महिलाओं से जुड़ गया जो अपनी पहली भाषा के रूप में अंग्रेजी नहीं बोलती थीं। इतना ही नहीं नीना गुप्ता ने किताब में यह भी लिखा है कि इन शब्दों का इस्तेमाल उनके लिए भी किया गया जो सलवार कमीज या साड़ी जैसे भारतीय कपड़े पहनते हैं और केवल भारतीय विचारधारा को मानते हैं। अभिनेत्री ने खुलासा किया कि हालांकि एक ही सांस में 'बहनजी' और 'बेशर्म' कहलाना विरोधाभासी है, लेकिन यह दो शब्द उनके जीवन में साफ रहे हैं। उनके अनुसार, वह एक संस्कृत-प्रेमी लड़की थी, जिसने स्पेगेटी स्ट्रिप्स के साथ टॉप पहना था और जो लोगों को भ्रमित करती थी। आपको बता दें कि बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर खान ने हाल ही में नीना गुप्ता की ऑटोबायोग्राफी 'सच कहूं तो' को लॉन्च किया है। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते इस ऑटोबायोग्राफी की लॉन्चिंग वर्चुअल रखी गई थी। वहीं इस बात की हाल ही में घोषणा की गई कि इस किताब को नीना गुप्ता ने पिछले वर्ष लॉकडाउन में लिखा है। नीना गुप्ता ने इस बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी दी थी। उन्होंने यह भी कहा कि करीना कपूर खान द्वारा यह बुक लॉन्च होने को लेकर वह बहुत उत्साहित हैं। नीना गुप्ता ने 'सच कहूं तो' में अपनी शानदार व्यक्तिगत और फिल्मी करियर के बारे में बात की है। इसके अलावा उन्होंने अपने बचपन के दिनों और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के दिनों को भी याद किया है। किताब में कास्टिंग काउच के बारे में भी बात की गई है। इसके अलावा फिल्म इंडस्ट्री की पॉलिटिक्स, प्रेग्नेंसी और सिंगल पैरंटहुड के बारे में भी उन्होंने लिखा है।
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