अवैध कॉलोनियों में हुए निर्माणों को लेकर तोडफ़ोड़ के साथ दोहरा मामला होगा दर्ज सोहना,(उमेश गुप्ता): डीटीपीई ने सोहना क्षेत्र के गांव भौंड़सी, धुनेला, लाखुवास, दमदमा, पलवल रोड समेत विभिन्न स्थ
नों पर अवैध रूप से काटी गई कॉलोनियों में लॉकडाउन के दौरान कराए गए निर्माण कार्यों की पहचान करने का कार्य तेज कर दिया है और निर्णय लिया है कि लॉकडाउन के दौरान जो भी निर्माण कार्य हुए है, पीले पंजे की मदद से उन्हे तोडऩे के साथ-साथ विभाग अब बिना अनुमति के निर्माण कार्य करने वाले लोगों के खिलाफ लॉकडाउन नियमों की अनदेखी करने और कृषि योग्य भूमि में बिना लाइसेंस, एनओसी और अनुमति के कृषि योग्य भूमि पर निर्माण करने को लेकर पुलिस थाने में आरोपियों के खिलाफ दोहरा मुकदमा दर्ज कराएगा। जिन-जिन भूमाफियाओं ने कृषि योग्य भूमि पर बिना लाइसेंस लिए और बिना भूमि की तकसीम कराए, बिना एनओसी के जमीन को वर्ग गज टुकड़ों में बेचने का काम किया है, उन भूमाफियाओं, प्रोपर्टी डीलरों की पहचान कर उनके खिलाफ भी विभाग पुलिस में मुकदमे दर्ज कराएगा। सूत्रों की माने तो लॉकडाउन से पहले सोहना में विभिन्न स्थानों समेत जिले भर में डीटीपी के तोडफ़ोड़ दस्ते ने करीब एक हजार एकड़ कृषि योग्य भूमि पर अवैध रूप से विकसित की जा रही कॉलोनियों में कराए गए निर्माण कार्यों को पीले पंजे की मदद से धराशायी कर दिया गया। इतना ही नही डीटीपी की तरफ से सोहना पुलिस थाने में नौ, पटौदी पुलिस थाने में तीन और फरूखनगर पुलिस थाने में 8 एफआईआर समेत तहसील कार्यालयों से ली गई रिपोर्ट के आधार पर बीस भूमाफियाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। साथ ही डीटीपी की तरफ से की गई तोडफ़ोड़ में खर्च हुई बीस लाख रुपए की राशि की रिकवरी के लिए जमीन मालिकों को नोटिस दिए गए है। रिकवरी के पैसा जमा ना कराने वालों की जमीन जब्त कर रिकवरी राशि वसूली जाएगी। डीटीपीई आरएस बाठ की माने तो अवैध कॉलोनियों को किसी भी कीमत पर नही पनपने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के स्पष्ट आदेश है कि चाहे कोई भी कितना ही प्रभावशाली व्यक्ति अवैध कॉलोनी काटे, उसे तोड़ दिया जाए। एक साल में एक हजार एकड़ भूमि पर 130 अवैध कॉलोनिया विकसित हुई, जहां लगातार तोडफ़ोड़ कर भूमाफियाओं के खिलाफ एफआईआर कराई जा रही है। सबूत के साथ-साथ बाकायदा वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है। इस धंधे से जुड़े सूत्रों की माने तो कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लॉकडाउन होने पर तोडफ़ोड़ की कार्रवाई रूक गई और लॉकडाउन का फायदा उठाकर सोहना क्षेत्र के गांव भौंड़सी, धुनेला, लाखुवास, दमदमा, पलवल रोड समेत विभिन्न स्थानों पर अवैध रूप से काटी गई कॉलोनियों में वर्ग गज टुकड़ों में प्लॉट लेने वाले लोगों ने रातोंरात निर्माण कार्य शुरू कर दिए। इतना ही नही संबंधित विभागों से सांठगांठ कर किसी ने बिजली के मीटर ले लिए तो किसी ने बोरवैल करने वाले लोगों से रात के अंधेरे में चोरी-छिपे बोरवैल कराकर जल दोहन शुरू कर दिया तो कही अवैध रूप से सीवर लाइन डाल ली गई तो कही कच्चे-पक्के रास्ते बना लिए गए। ऐसे में डीटीपीई की तरफ से विभागीय अधिकारियों पर आधारित कई टीमें बनाई गई, जो उपरोक्त स्थानों पर जाकर लॉकडाउन अवधि से लेकर अब तक कराए गए निर्माण कार्यों की पहचान कर सबूत के तौर पर उनके फोटो लेने के साथ-साथ वीडियो रील बनाने का काम कर रही है ताकि लॉकडाउन से पहले कराए गए फोटो व वीडियोग्राफी के आधार पर लॉकडाउन अवधि से अब तक की समयावधि के बीच हुए निर्माण कार्यों की पहचान कर वहां तोडफ़ोड़ की कार्रवाई को अंजाम दिया जा सके। डीटीपी आरएस बाठ की माने तो इस कार्य के लिए कई विभागीय टीम बनाई गई है, जो पुलिस को साथ लेकर उपरोक्त स्थानों पर मौका-मुआयना करने में जुटी है। उन्होने साफ-सपाट लहजे में कहा कि लॉकडाउन में बिना अनुमति निर्माण कार्य करने समेत लॉकडाउन के नियमों की अनदेखी करने को लेकर निर्माण कार्य करने वालों के खिलाफ संबंधित पुलिस थानों में दोहरा मामला दर्ज कराया जाएगा। देखने वाली बात ये है कि डीटीपी चाहे जितना तोडफ़ोड़ करे, प्रशासन चाहे जो दावे करे सोहना क्षेत्र के गांव भौंड़सी, धुनेला, लाखुवास, दमदमा, पलवल रोड समेत विभिन्न स्थानों पर अवैध रूप से आज भी कृषि योग्य भूमि में बिना तकसीम, बिना लाइसेंस, बिना एनओसी के सभी नियमों को ताक पर रखकर बेरोकटोक वर्ग गज टुकड़ों में ना केवल छोटे-छोटे प्लॉट काटकर बेचे जा रहे है। जिससे जाहिर है कि शासन-प्रशासन को अवैध कॉलोनियों पर रोक लगाने के दिए गए आदेश यहां पर मात्र खोखले और कागजी दिखावा भर बनकर रह गए है।
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