भौंड़सी मार्डन जेल में बंद साथी के इशारे पर कर रहे थे आरोपी काम-हुआ खुलासा

Khoji NCR
2021-06-14 09:04:47

सोहना,(उमेश गुप्ता): भौंड़सी मार्डन जेल में सब कुछ ठीक नही चल रहा है। इस बात का खुलासा आज उस वक्त हुआ, जब मुख्यमंत्री उडऩदस्ते की कार्रवाई में पकड़े गए फर्जी कालसेंटर चलाने वाले आरोपियों से पुल

स ने कड़ाई से पूछताछ की तो आरोपियों से पूछताछ के दौरान पुलिस को अहम जानकारियां लगी है। जिन्हे सुनकर एक बार तो पुलिस भी चौंक गई। सूत्रों की माने तो आरोपी गुरिंदर सिंह, ईशान चौधरी, विशाल तथा अंकुर ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उनका एक साथी भौंड़सी मार्डन जेल में बंद है। उसके इशारे पर ही वे कालसेंटर चला रहे थे। आरोपित के इस साथी का नाम पुलिस अभी गुप्त रख रही है। पता चला है कि भौंड़सी जेल में बंद इनका साथी ही फर्जी कालसेंटर चलाने का मास्टरमाइंड है। पहले उसने साइबर सिटी में फर्जी कालसेंटर चलाया हुआ था। वहां पुलिस ने छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल से ही उसने गुरिंदर तथा अन्य साथियों से संपर्क किया। उन्हे फरीदाबाद में कालसेंटर चलाने की सलाह दी। उसकी सलाह पर सभी ने सेक्टर इकत्तीस एसआरएस टावर में इमारत किराए पर लेकर कालसेंटर शुरू कर दिया। कालसेंटर चलाने की बारीकियां जेल में बैठा उनका साथी ही बता रहा था। आरोपितों को अनुमान था कि फरीदाबाद में जल्दी से पुलिस को उनके बारे में जानकारी नही मिलेगी। गौर करने वाली बात ये है कि अपने मुखबिर खास के जरिए मुख्यमंत्री उडऩदस्ते को भौंड़सी जेल से ही फरीदाबाद में फर्जी कालसेंटर की भनक लगी। इसके बाद फरीदाबाद टीम के साथ मिलकर छापेमारी की। पुलिस सूत्रों की माने तो आरोपित अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाते थे। उन्हे कम्पयूटर सुरक्षा देने के बहाने अपने पास डालर मंगवा लेते थे। डालर लेने के लिए वे खास तरह के वालेट व एप का प्रयोग कर रहे थे। पुलिस यह जानकारी भी जुटाने की कोशिश कर रही है कि आरोपित डालर को रुपयों में बदलवाने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाते थे। साइबर पुलिस का कहना है कि आरोपित से बरामद लैपटाप, हार्डडिस्क तथा मोबाइल डाइटेक साइबर सिटी भेजे गए है। डाइटेक के विशेषज्ञ ही इनका अध्ययन करके सारी जानकारी जुटाएंगे।

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