सोहना,(उमेश गुप्ता): अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में प्रोटोकॉल योगाभ्यास के प्रशिक्षण शिविर वर्चुअल माध्यम से आयोजित किए जा रहे हैं। यह शिविर प्रात: साढ़े सात बजे से साढ़े आठ बजे तक ल
ाया जा रहा है। इस दौरान लोगों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने संबंधी क्रियाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जा रही है। यहां पर योगाचार्य महेश आर्य ने बताया कि योग हमें संर्पूणता से जीवन जीने की राह दिखाता है और तन-मन के विकारों को दूर करता है। उन्होने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में योगाभ्यास से संबंधित सावधानियां साधकों को बताई जा रही है और योग प्रोटोकॉल के दौरान शिथिलीकरण अभ्यास के आसन करवाए जा रहे है। योगाचार्य महेश आर्य ने साधकों को आज उष्ट्रासन, शशकासन, उत्तानमंडूकासन, वक्रासन, मक्रासन, भुजंगासन, शलभासन, सेतुबंध आसन, उत्तानपाद आसन, अर्धहलासन, पवन मुक्तासन, शवासन, कपालभाति, नाड़ी शोधन, शीतली प्राणायम, भ्रामरी प्राणायम तथा ध्यान लगवाया। उन्होंने योग साधकों को इन सभी आसनों से मिलने वाले लाभ के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। योगाचार्य महेश आर्य ने कहा कि योग भारत वर्ष की प्राचीन धरोहर है। इसके माध्यम से तन और मन को स्वस्थ व शुद्ध रखा जा सकता है। योग शारीरिक, मानसिक, अध्यात्मिक व सामाजिक स्वास्थ्य का साधन है। योग हमें सम्पूर्णता से जीवन जीने की राह दिखाता है और तन और मन के विकारों को दूर करता है। उन्होंने कहा कि हम योग को अपनाकर संतुलित जीवन का निर्वहन कर सकते हैं। नियमित योगाभ्यास से जीवन एवं मानसिक क्षमता में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि योग से जीवन में संतुलन कायम होता है तथा हमें अनेक प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि योग के साथ-साथ हमें अपने आस-पास के परिवेश को स्वच्छ रखना चाहिए।
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