पेशावर, आतंकवादी संगठनों का अभ्यारण्य बने पाकिस्तान में उनका आर्थिक नेटवर्क उजागर हुआ है। यहां पर तालिबान व अन्य आतंकी संगठनों को मस्जिदों के माध्यम से मोटा चंदा दिया जाता है। मस्जिदों में
जनता के साथ ही ऐसे संगठन भी सहयोग करते हैं, जिनके विदेशों से तार जुड़े हुए हैं। आतंकियों के लिए मस्जिदों से चंदा मुहैया कराने की प्रथा लंबे समय से चल रही है। पाक के विपक्षी दल ने इस रहस्य से पर्दा हटाते हुए आतंकियों की मदद तुरंत बंद करने की सरकार से मांग की है। डान अखबार की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) ने कहा है कि सरकार की इन हरकतों के कारण ही पाक को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है और आतंकी फंडिंग के मामले में वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं हो पा रहा है। एएनपी के पार्टी प्रवक्ता आइमल वली खान ने एक कार्यक्रम में कहा कि पाक में खून खराबे के लिए मस्जिदों से चंदा बंद होना चाहिए। तहरीक ए तालिबान अफगानिस्तान को मान्यता देने की वकालत करने वाले कभी पख्तूनों के दोस्त नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना की वापसी के साथ ही आतंकवादी पाक के कुछ हिस्सों में फिर सक्रिय हो रहे हैं। इसके बाद भी सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। पाकिस्तान को अब पिछली गलतियों से सबक लेते हुए आतंकवाद को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए अपनी प्रामिकताएं तय करनी चाहिए। ज्ञात हो कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा था कि पाक के विभिन्न शहरों में तालिबान के शूरा चल रहे हैं। इनमें ही अफगानिस्तान सहित अन्य देशों में आतंकी कार्रवाई की योजना बनती है।
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