कोरोना महामारी से न बिगड़े आपका आर्थिक भविष्य, इसलिए पहले से कर लें पूरी तैयारियां

Khoji NCR
2021-06-06 09:01:33

कोरोना की पहली लहर के बाद लोग जिस प्रकार लापरवाह हुए, नतीजा यह रहा कि इसकी दूसरी लहर का रूप विकराल होता चला गया। तमाम व्यवस्थाएं होने के बाद भी लोग असहाय नजर आए। स्थिति यह हुई कि अपेक्षाकृत सुर

्षित माने जा रहे गांवों में भी संक्रमण पहुंच गया, जो अत्यंत चिंता का विषय है। पिछले दिनों जब मैंने इस त्रासदी को करीब से देखा तो कुछ बातों पर गौर किया और मुझे लगा कि इन बातों को पाठकों के साथ साझा करना बहुत जरूरी है। इन बातों का पालन करके हम भविष्य में आने वाले संकट से स्वयं को व परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। हालांकि यह उपाय भावनात्मक नुकसान की भरपाई नहीं कर सकते, परंतु किसी दुर्घटना के बाद परिवार के बाकी सदस्यों के काफी हद तक काम आ सकते हैं। मैंने कुछ मामलों में पाया कि यदि परिवार का मुखिया बीमार हो गया तो स्वजनों के पास उसके मित्रों के फोन नंबर तक नहीं थे और इस वजह से समय पर जितनी मदद मिल सकती थी, वह नहीं मिली और जब तक मदद के हाथ बढ़े, तब तक देर हो चुकी थी। इसलिए मुश्किल घड़ी में तत्काल मदद को आगे आने वाले लोगों के फोन नंबर स्वजनों के साथ अवश्य साझा करें। बेहतर होगा कि पति-पत्नी का बैंक में ज्वाइंट अकाउंट अवश्य हो ताकि जरूरत पड़ने पर दोनों में से कोई भी बैंक से पैसे निकाल सके और किसी अन्य पर आश्रित न हो, क्योंकि कोरोनाकाल में डर की वजह से पैसे देने की बात छोड़िए, लोग कलम तक नहीं देते। जानकारी रखें व्यवस्थित जहां भी निवेश किया गया हो वहां पर भी पत्नी अथवा पति का नाम जोड़ें अथवा दोनों के नाम से निवेश करें। आमतौर पर महिलाएं स्वयं को निवेश, बैंक संबंधी बातों से स्वयं को दूर रखती हैं और पुरुषों की भी यह धारणा है कि महिलाओं को यह समझ नहीं आता, लेकिन ऐसा नहीं है। उनको भी यह मालूम होना चाहिए कि निवेश कहां और किस किस्म का है जिससे जरूरत के समय वह काम आ सके। बेहतर होगा कि आप निवेश संबंधी सभी जानकारियों को एक सुनिश्चित स्थान पर दर्ज करें व निवेश से जुड़े सभी जरूरी कागजात की फाइलिंग करें व साफ्ट कापी भी बनाकर रखें। इसकी जानकारी परिवार के हर सदस्य को होनी चाहिए ताकि आपकी अनुपस्थिति में वे किसी भी प्रकार की असुविधा से बचे रहें। तैयार रखें सुरक्षा कवच जीवन बीमा का असली उद्देश्य परिवार के आश्रितों की सुरक्षा का ध्यान रखना है इसलिए निवेश और जीवन बीमा को अलग अलग रखें। टर्म प्लान सस्ते आते हैं और कम पैसों में एंडोमेंट अथवा पारंपरिक बीमा पालिसी के मुकाबले काफी बड़ा जीवन बीमा देते हैं। टर्म प्लान क्रिकेट में बल्लेबाज द्वारा पहने गए हेलमेट, दस्ताने की तरह है। ये चोट लगने से तो बचाते ही हैं साथ ही आत्मविश्वास भी देते हैं। इसलिए टर्म प्लान खरीदने में कोताही न बरतें। इसी तरह आमतौर पर लोग स्वास्थ्य बीमा की तरफ भी बहुत कम ध्यान देते हैं। आज के युग में जब चिकित्सा शुल्क में भारी वृद्धि हुई है, यह अति आवश्यक है कि आप स्वास्थ्य बीमा लें और यदि संभव हो तो सुपर टापअप भी खरीदें। यह आमतौर पर कम दामों में आते हैं और अधिक सुरक्षा भी देते हैं। किसी भी प्रकार का बीमा लेते समय प्रीमियम बढ़ने के डर से बीमा कंपनियों से कोई जानकारी न छिपाएं अथवा झूठी जानकारी न दें साथ ही इसे लेते वक्त कवर की जाने वाली सभी बातों को भी अच्छी तरह समझ लें। ऐसी जगहों पर निवेश करने से बचें जहां तरलता का अभाव हो। समझें वसीयत की अहमियत हाल में ऐसी कई मौतें हुई, जहां पति -पत्नी के गुजरने के बाद बच्चे अकेले रह गए। मैं हमेशा से कहता आया हूं कि वसीयत बनाएं ताकि ऐसी परिस्थिति में बच्चों के अधिकारों का हनन न हो और पैसे उनके काम आएं। वसीयत बनाकर रखना बहुत समझदारी का काम है। आज जैसा माहौल है, ऐसे में आठ-नौ महीने के घरखर्च के बराबर का पैसा ऐसी जगह रखें जहां मूलधन का नुकसान न हो। ऐसी बातों में न आएं जहां लोग बोलें कि कम समय में पैसा बहुत बढ़ जाएगा। आमतौर पर ऐसा संभव नहीं होता है। इसी के साथ ही अनावश्यक कर्ज आपकी मुश्किलें बढ़ा सकता है। यदि तरलता बरकरार रखेंगे तो कर्ज लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। फिलहाल पर्सनल लोन कतई न लें।

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