महिलाओं को आत्मनिर्भर कर बाजारी मिलावटी खाद्य पदार्थों से बचाया

Khoji NCR
2021-06-05 10:38:52

सोहना,(उमेश गुप्ता): कोरोना संक्रमण और दूसरी लहर के बाद लगे लॉकडाउन ने लोगों को घर में ही रहने को मजबूर कर दिया लेकिन महिलाओं ने कोरोना की दूसरी लहर को आपदा से अवसर में बदलने की ठानते हुए कोरोना

ाल में घर की रसोई में तरह-तरह के व्यंजन बनाकर ना केवल परिजनों का दिल जीतने का काम किया बल्कि परिजनों को मिलावटी खानपान से बचाने में भी अहम भूमिका निभाई है। युवा अग्रवाल नेता सैंकी सिंगला, मुकेश राजपाल, उमेश जुनेजा कोकी, समाजसेवी नरेन्द्र पाहूजा आदि की माने तो कोरोना की दूसरी लहर में लोग घर पर ही बना पौष्टिक खाद्य पदार्थ सेवन कर बाजारू मिलावटी खानपान से भी आजकल बचे हुए है। उन्होने कहा कि पुराने संयुक्त परिवारों की तरह मिलावट को रोकने के लिए परिवार की महिलाओं का हाथ बंटाकर सभी परिजन आत्मनिर्भर बनाने में कुछ सहयोग करे तो वह भी घर पर ही पौष्टिक खाद्य पदार्थ, विभिन्न सस्ते घरेलू पकवान, टमाटर के उत्पाद, आलू के चिप्स, पापड़, कचरी, चना परवल की नमकीन, मिठाई, शीतल पेय, मसालों आदि को बनाकर बाजार के मिलावट वाले खाने-पीने के सामान से अपने परिवार को बचा सकते है। बीते वर्ष दीवाली, होली आदि के त्यौहार पर अधिकांश लोगों ने जागरूकता अपनाकर बाजारों में मिलावटी रंग-बिरंगी कचरी, पापड़, मिलावटी मावा, खाद्य पदार्थों से दूरी बनाई थी। अगर आप और हम भी थोड़ा जागरूक होकर ऐसे मिलावटी सामान से दूरी बनाना शुरू कर दे तो बाजार में कोरोनाकाल की तरह ही मांग कम होने पर आगामी सालों में भी मिलावटी सामान भी बाजार से उसी प्रकार कम हो जाएगा, जैसे बाजार से आजकल चीन के उत्पाद कम ही नजर आते है। त्यौहारों पर भी मिलावट पर छापेमारी होती ही है। आजकल अस्पताल में कोरोना संक्रमण मरीजों से अधिक धनराशि की वसूली, जीवनरक्षक दवा, ऑक्सीजन की जमाखोरी, नकली दवा बेचने पर भी निरंतर छापे पड़ रहे है लेकिन परिणाम कब आएगा, पता नही। लॉकडाउन से मिलावटी दूध की खपत भी कम हो गई। मिलावट का खाद्य सामान बेचने वाले भी अब परेशान और डरे-डरे रहते है। सभी को कोरोना ने उनके गलत कर्म याद दिला दिए। बाजार में आजकल सीजन की सब्जी आलू, टमाटर की भरमार है। आप भी बाजार से आलू लाकर पुराने संयुक्त परिवार को याद कर अपने आजकल के एकल परिवार में भी कुछ समय निकाल कर टमाटर के स्टोर करने वाली चटनी, सॉस उत्पाद घर पर ही बना सकते है। आलू के चिप्स, कचरी, पापड़, चना परवल की नमकीन, मिठाई आदि बना सकती है। अपनी घरेलू मांग के हिसाब से बच्चों के साथ यह उत्पाद बनाकर आप भी उन्हे घरेलू उत्पादों को बनाने की दिशा में शिक्षित ही नही मिलावटी सामान से बचने में भी जागरूक करने का संदेश दे सकती है। घर में ही आप खड़े मसालों को मिक्सर ग्राइंडर में पीसकर शुद्ध मसालों से अपने परिवार के स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकती है। साथ ही मसालों के कथित ब्रांडेंड उत्पाद से बचकर अपनी धनराशि भी बचा सकती है। लॉकडाउन में सभी ने अपने-अपने त्यौहार घर पर ही मनाए है। बाजार में मिठाई, खोया-मावा के अलावा दूध की भी मांग कम हुई तो आप स्वयं अंदाजा लगाए कि वह नकली दूध अब कहां जा रहा है? कोरोना के कारण आजकल तो भव्य शादी-पार्टी भी साल भर से बंद है, जो अब घरेलू सदस्यों तक ही सिमट गई है।

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