सोहना,(उमेश गुप्ता): कीर्तिचक्र से सम्मानित सीआरपीएफ में कमांडेंट और देश के दुश्मनों का सामना सीने पर गोली खाकर चेतन चीता कोरोनाकाल में कोरोना से लड़ाई लड़ रहे है। कश्मीर में फरवरी-2017 में आतंक
वादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए नौ गोली लगने के बाद भी मौत को मात देने वाले सीआरपीएफ के जांबाज कमांडेंट चेतन चीता एम्स-दो में कोरोना और ब्लैक फंगस से जंग लड़ रहे हैं। उनकी हालत नाजुक बतायी जा रही है। उन्हे आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया है। चेतन का ऑक्सीजन लेवल चालीस प्रतिशत बताया गया है। जानकारी के अनुसार उनके फेफड़ों में संक्रमण फैल गया है। उनका ब्लैक फंगस का सफल ऑपरेशन भी हो चुका है। कोरोना संक्रमित होने के बाद नौ मई से चेतन का एम्स-दो में इलाज चल रहा है। इकत्तीस मई को तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्हे वेंटिलेटर पर रखा गया था। डॉक्टरों की माने तो एंटी-वायरल थैरेपी से उनकी हालत में सुधार हुआ है लेकिन अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। एम्स-दो के इंचार्ज डाक्टर एंजेल राजन सिंह ने बताया कि चेतन की हालत अभी स्थिर है। वह रिकवरी कर रहे है। अस्पताल की ओर से एंटी-वायरल थैरेपी के अलावा, बैक्टीरियल संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स का प्रबंध किया गया है। इसके अलावा उन्हे ब्लड प्रेशर की समस्या है। जिसकी दवाइयां उन्हें दी जा रही है। नर्सिंग स्टाफ रख रहा विशेष ध्यान : एम्स का नर्सिंग स्टाफ चेतन चीता की विशेष रूप से देखभाल कर रहा है। नर्सिंग स्टाफ ने अपने वाटसग्रुप में मैसेज डालकर चेतन का हर समय ध्यान रखने को कहा था। तभी से पूरा नर्सिंग स्टाफ चौबीस घंटे स्वेच्छा से उनकी देखभाल कर रहा है। सांसद डाक्टर अरविंद शर्मा भी चेतन के स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे है। कौन है चेतन चीता : कीर्तिचक्र से सम्मानित सीआरपीएफ में कमांडेंट चेतन के शरीर में चौदह फरवरी, 2017 को कश्मीर में आतंकियों से लड़ते वक्त नौ गोलियां लगी थीं। उसके बाद भी वह उनसे लड़ते रहे थे और उनकी टुकड़ी ने तीन आतंकियों को मार गिराया था। आतंकवादियों से लड़ते हुए उनके मस्तिष्क, दाहिनी आंख, पेट, दोनों हाथ में कई गोलियां लगी थीं। तब चीता के नाम से मशहूर कमांडेंट चेतन कश्मीर में सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर थे। गंभीर घायल होने के बाद उन्हें श्रीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में उन्हे एम्स में शिफ्ट किया गया। वह करीब तीन महीने कोमा में रहे थे और फिर ठीक होकर डयूटी ज्वाइन की थी।
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