सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर बुधवार को केन्द्र सरकार की टीम ने साईंस सिटी विकसित करने के लिए क्षेत्र में ब्लॉक के गांव घामडोज, निमोठ, रहाका का दौरा किया। इस टीम में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभ
ग, हरियाणा सरकार, संस्कृति मंत्रालय, हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन सैंटर के पदाधिकारी शामिल रहे। प्रदेश के बच्चों व अन्य युवाओं को विज्ञान के बारे में किताबों के साथ-साथ व्यवहारिक जानकारी देने के उददेश्य से साईंस सिटी विकसित की जा रही है ताकि वे विज्ञान संबंधी तथ्यों को बारीकी से समझ सके। इस दौरान उनके साथ सोहना की एसडीएम चिनार चहल भी मौजूद रही। टीम के कोर्डिनेटर ने हमारे प्रतिनिधि उमेश गुप्ता को बताया कि साईंस सिटी लगभग 25 से 30 एकड़ भूमि में विकसित किए जाने की योजना है। जगह की पहचान होने उपरांत इसकी डीपीआर तैयार की जाएगी। शुरूआती चरण में इस प्रोजेक्ट पर लगभग 500 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। जिसकी 50 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार तथा 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। उन्होंने बताया कि देश भर में अब तक 3 साईंस सिटी कोलकाता, जालंधर तथा अहमदाबाद में है और गुरूग्राम में देश की चौथी तथा एनसीआर व प्रदेश की पहली साईंस सिटी बनकर तैयार होगी। उन्होंने बताया कि साईंस सिटी मे खेल खेल में विज्ञान व गणित के व्यवहारिक ज्ञान को सिखाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक संख्या में बच्चे व अन्य लोग वहां पहुंचकर विज्ञान संबंधी अपने संशयों को दूर कर सके। टीम के अनुसार इसे एक बड़ा साईंस म्यूजियम बनाया जाएगा, जिसमें साईंस गैलरी, थीम बेस्ड गैलरी, विज्ञान के अलग-अलग साईंटिफिक प्रिंसीपल, डिजीटल प्रणाली, गणित संबंधी विषयों सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी। इसमें किसी भी विषय को समझने संबंधी व्यवहारिक ज्ञान देने पर बल दिया जाएगा। उन्होने कहा कि कक्षाओं में दिया जाने वाला ज्ञान केवल किताबी ज्ञान होता है जबकि साईंस सिटी में किताबी ज्ञान का प्रैक्टिीकल डैमोस्ट्रेशन करके दिखाया जाएगा ताकि बच्चे उसे आसानी से समझ सकें। उन्होने कहा कि साईंस सिटी की खास बात यह है कि इसमें केवल बच्चे ही नही बल्कि महाविद्यालयों व युनिवर्सिटी के बच्चों व आम आदमी भी विज्ञान को आसानी से समझ सकता है। साईंस सिटी में विज्ञान के प्रिंसीपल व्यवहारिक तरीके से वर्णित व परिभाषित किए जाएंगे। उन्होने कहा कि कई बार व्यक्ति को विज्ञान संबंधी अनेकों प्रकार के संशय होते है। जिन्हें साईंस सिटी में दूर किया जाएगा। साईंस सिटी में इंडियन रिसर्च स्पेस ऑर्गेनाइजेशन(इसरो) की वैज्ञानिक सुविधाओं को भी विकसित किया जाने की योजना है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि सैटेलाइट धरती की फोटो कैसे लेती है, इसे प्रौसेस करना, इससे प्लानिंग, सैटेलाइट का ऑरबिट में जाना तथा इसे लांच कैसे किया जाता है आदि का प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार का मानना है कि साईंस सिटी बनने से प्रदेश के बच्चों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोग
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