विश्व पर्यावरण दिवस डीसी की अपील पौधा लगाएं भी और बड़ा होने तक संभाल भी करें

Khoji NCR
2021-06-05 10:23:00

नारनौल 5 जून। उपायुक्त अजय कुमार ने आज विश्व पर्यावरण दिवस पर नागरिकों को कम से कम एक पौधा लगाने और उसे बड़ा होने तक संभाल करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि पेड़ न केवल हमें शुद्ध वातावरण

देते हैं बल्कि यह उचित मात्रा में बारिश के लिए भी सहायक होते हैं। पेड़ और जल के इसी संबंध को देखते हुए जिला में जल शक्ति अभियान के तहत 3 लाख 40 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। वन विभाग ने जिला में कुल 11 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। डीसी ने बताया कि जल शक्ति अभियान आने वाले वर्षों में बहुत उपयोगी साबित होगा। अभियान का उद्देश्य आम जनता को साथ में जोड़ कर जमीनी स्तर हर प्रकार से पानी का संरक्षण करना है। उन्होंने कहा कि जल शक्ति अभियान से भूजल स्तर, सतही जल भंडारण क्षमता, कृषि भूमि में मिट्टी की नमी में वृद्धि और पेड़-पौधों का क्षेत्र बढ़ाने में मदद मिल रही है। यह अभियान केन्द्र और राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रालयों का एक सामूहिक प्रयास है। उपायुक्त ने कहा कि पानी जीवन का मुख्य घटक है। पेड़-पौधों से वाष्पीकृत जल ही बादल बन आकाश में एकत्रित होता है व दोबारा धरती की प्यास बुझाता है। जलचक्र से ही प्रकृति का प्रबंधन चलता है। पर्यावरण अर्थात वह आवरण जो इस धरती को घेरे है, जिसमें वायु, जल, सौर ऊर्जा सब कुछ समाता है। यह हमारे जीवित व स्वस्थ रहने का मार्ग प्रशस्त करता है। इसी जल चक्र के महत्व को समझते हुए जल शक्ति अभियान पर विशेष फोकस किया जा रहा है। डीसी ने बताया कि वन विभाग द्वारा इस अभियान के तहत आम नागरिकों को अधिक से अधिक पौधे उपलब्ध करवाए जाएंगे ताकि वह अपने गांव में खाली सार्वजनिक स्थानों पर पेड़ लगाकर उन्हें संरक्षित करें। इसके अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों व पंचायतों की भी यह जिम्मेदारी रहेगी कि वे अपने अपने क्षेत्र में इस अभियान को सफल बनाएं। उन्होंने कहा कि प्रकृति से छेड़छाड़ व अत्यधिक दोहन से पूरी दुनिया में पर्यावरण प्रदूषित हुआ है। जल संकट से जीवन के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है व प्रदूषण तथा प्रकृति के प्रबंधन में छेड़छाड़ से आपदाएं या त्रासदी झेलने पर मजबूर होना पड़ रहा है। इस संकट से बचने का एक ही उपाय है कि हर नागरिक कम से कम एक पौधा जरूर लगाएं। उपायुक्त ने बताया कि इस अभियान के तहत बारिश के पानी को अधिक से अधिक जमीन में संरक्षित किया जाएगा। संरक्षित करने के अलावा लोगों को पानी का सही ढंग से इस्तेमाल करने के बारे में भी बताया जाएगा।

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