सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर कोरोनाकाल में कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर अकाल मौत का ग्रास बने मृतकों के परिजन मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए इधर से उधर दौड़-धूप कर रहे है लेकिन उनकी कही-कोई स
ुनवाई नही हो रही है। ऐसे में कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर जान गंवाने वालों के परिजनों को मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। प्रमाणपत्र बनवाने में पंद्रह-बीस दिन लगते है। नगरपरिषद से जारी मृत्यु प्रमाणपत्र में मौत का कारण दर्ज नही है। ऐसे में कोरोना से मृत्यु की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग से लेनी पड़ती है। यहां पर शहर के वार्ड-नौ के तहत लगने वाले गांव जक्खोपुर में रह रहे राज ने बताया कि उनकी पत्नी पूनम की कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से मौत हो गई। वह पूनम की मौत के बाद उसका मृत्यु प्रमाणपत्र लेने के लिए कभी नागरिक अस्पताल में तो कभी नगरपरिषद कार्यालय में तो कभी नागरिक सुविधा केन्द्र पर तो कभी सरल केन्द्र पर चक्कर लगा रहे है लेकिन उनकी धर्मपत्नी पूनम की मौत के बावजूद मृत्यु प्रमाणपत्र अभी तक उन्हे उपलब्ध नही हो पाया है। जिससे उन्हे दिक्कतें उठानी पड़ रही है और मानसिक तनाव सहना पड़ रहा है और भी ना जाने ऐसे कितने परेशान लोग है, जिनके किसी ना किसी परिजन की कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से मौत हो गई लेकिन वह आज भी उसके मृत्यु प्रमाणपत्र को पाने के लिए भटक रहे है। ऐसे हालातों में कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर अकाल मौत का ग्रास बने मृतकों के परिजनों को क्लेम या सरकारी मदद के आवेदन के लिए दिक्कत हो रही है। अब मृतकों के परिजनों को भटकना पड़ रहा है लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नही दे रहा है।
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