मृतक को अंतयेष्टि के लिए शौचयुक्त गंदे पानी से शमशान घाट मुर्दे को ले जाते लोग हो रहे परेशान सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर गांव बादशाहपुर में प्राचीन बाबा कुशालशाद मंदिर और स्वर्गधाम आवाजाही व
ाले रास्ते पर घुटने-घुटने से ज्यादा पानी भरा होने से लोग परेशान है। कई-कई फुट गहरा पानी भरे होने के चलते वाहन तो दूर पैदल राहगीर भी यहां से नही निकल पा रहे है। देखने वाली बात ये है कि हाल ही में कई लाखों रुपए की धनराशि खर्च कर इस सडक़ मार्ग का पुर्ननिर्माण किया गया था लेकिन इस सडक़ मार्ग पर डाली गई पेयजल आपूर्ति करने वाली पाइपलाइन एक महीने से टूटी पड़ी होने और बार-बार गुहार लगाने के बावजूद अभी तक ठीक ना किए जाने का नतीजा ये है कि अब इस सडक़ मार्ग पर कई-कई फुट गहरा घुटने-घुटने पानी भरकर खड़ा हो गया है लेकिन जनप्रतिनिधि और प्रशासन कोई भी इस तरफ ध्यान देने की बजाय लापरवाही बरत रहे है। जिसका खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है। देखने वाली बात ये है कि जब तक बादशाहपुर में ग्रामपंचायत रही, अपने नाम के अनुरूप बादशाहपुर बादशाह बना रहा। गांव की देखरेख और साफ-सफाई को विशेष तवज्जो मिलती रही लेकिन जब से इस गांव को नगरनिगम में शामिल किया गया है, तब से बादशाहपुर नरक बनकर रह गया है। हालात ये है कि पूरे गांव में जगह-जगह सीवर ओवरफ्लो होकर सडक़ों पर बह रहे है तो कही सीवरेज का शौचयुक्त पानी तो कही गंदा व बरसाती पानी रास्तों के बीचोबीच खड़ा होने से लोग परेशान है। गांव में कई-कई दिनों तक तो सफाई वाले नजर नही आते है। जिससे गांव में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे पड़े है लेकिन कही, कोई देखने, सुनने वाला नही है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के विकास के नाम पर झूठे और खोखले दावे हो रहे है। विकास कार्यों को बढ़ावा देने की आड़ में अधिकारी अपनी जेबें भरने का काम कर रहे है। नगरनिगम की तरफ से जिन अधिकारियों की डयूटी बादशाहपुर क्षेत्र में लगाई गई है, शायद ही उन अधिकारियों ने कभी बादशाहपुर आकर यहां की समस्याओं को देखा भी नही होगा। अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। अधिकारी वातानुकूलित कमरे में बैठे मौज मार रहे है। लोगों का कहना है कि गांव बादशाहपुर की इतनी बुरी दुर्गति कभी अंग्रेजों के शासनकाल में भी नही हुई, जितना अब हो रही है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल और बादशाहपुर से मौजूदा विधायक तथा चेयरमैन राकेश दौलताबादिया विकास के दावें कर रहे है तो गांव बादशाहपुर में उनके दावें कागजी और खोखले नजर आ रहे है। लोग यह नही समझ पा रहे कि सरकार में झंडी वाली कार लेने के बावजूद हलका विधायक राकेश दौलताबादिया की ऐसी क्या मजबूरी है, जो वह इस समस्या का निवारण नही कर पा रहे है। क्या अधिकारी उन्हे नही गांठ रहे है या फिर वह अधिकारियों पर लगाम नही लगा पा रहे है। कारण चाहे जो रहा हो, इस मसले को लेकर आम जनमानस में शासन-प्रशासन की किरकिरी हो रही है तो विपक्षी दलों के नेता व्यंग्य भरे लहजे में कह रहे है कि भाजपा सरकार में लोगों के इसी तरह अच्छे दिन आए है। लोगों का कहना है कि यदि इस रास्ते पर कई-कई फुट खड़ा गहरा पानी जल्द नही निकाला गया और पेयजल आपूर्ति करने वाली क्षतिग्रस्त पाइपलाइन को जल्द दुरस्त नही किया गया तो वह नगरनिगम कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। लोगों का कहना है कि नगरनिगम को एक श्वेत पत्र जारी कर सार्वजनिक रूप से यह बताना चाहिए कि जब से गांव बादशाहपुर को नगरनिगम में सम्मिलित किया गया है, तब से बादशाहपुर गांव में विकास के नाम पर कहां-कहां और किस-किस योजना के तहत किस-किस मद में कितनी धनराशि खर्च की गई है और बादशाहपुर क्षेत्र की देखरेख के लिए लगाए गए अधिकारी साइबर सिटी की बजाय गांव बादशाहपुर में बैठकर क्यो नही लोगों की समस्याएं सुन पा रहे है? एक तरफ तो सरकार दावा कर रही है कि जनसमस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जा रहा है, दूसरी ओर गांव बादशाहपुर में आज कदम-कदम पर समस्याएं मुंंह उठाए खड़ी है। गांव में लोग बिजली किल्लत, पेयजल समस्या, उबड़-खाबड़ रास्तों से परेशान है और उस वक्त को कोस रहे है, जब वह भाजपा के छलावे में आकर उनकी बातों पर विश्वास कर बैठे और आज सरकार में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधि सरकार में चेयरमैन होने के बावजूद समस्याओं के निवारण के लिए दूसरों की तरफ निहार रहे है। ऐसा नही कि संबंधित अधिकारियों और हलका विधायक को समस्या के बारे में जानकारी ना हो अथवा नगरनिगम के पास पैसे की कमी हो लेकिन फिर भी ना तो नगरनिगम इस तरफ ध्यान दे रहा है और ना ही विकास का दम भरने वाले हलके से विधायक और सरकार में चेयरमैन बने हलका विधायक इस तरफ ध्यान दे पा रहे है। यदि शासन-प्रशासन ईमानदारी से इस तरफ ध्यान दे तो समस्या का निदान संभव है। इस बारे में भाजपा कार्यकर्ता बैकफुट पर नजर आ रहे है। उन पर कुछ कहते नही बन रहा है तो विपक्षी दलों के नेता चटखारे ले-लेकर सरकार को कोसने का काम कर रहे है। क्षेत्र के प्रमुख समाजसेवी व कांग्रेस नेता वर्धन यादव का कहना है कि सच्चे अर्थों में, सही मायने में जनप्रतिनिधि वह होता है, जो जनता की समस्याओं का तत्परता से निवारण करे लेकिन यहां तो मौजूदा सरकार और इसमें शामिल वजीरों को जुमलों और बजाई से फुर्सत नही है। विकास के नाम पर झूठे वादे हो रहे है। कदम-कदम पर जनता समस्याओं से जूझ रही है। अगर बादशाहपुर हलके के विधायक को अपने हलके में समस्याएं नजर नही आ रही तो साफ जाहिर है कि उनकी आंखों पर झूठ का चश्मा चढ़ा है। उन्हे सच्चाई जाननी है तो वह बादशाहपुर गांव की एक-एक गली और रास्ते का मुआयना करे। असलियत खुद-ब-खुद सामने आ जाएगी। पता चलेगा कि लोग किस तरह बदहाली की जिंदगी जी रहे है।
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