सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर नगरपरिषद में सफाईकर्मियों की डयूटी से संबंधित गड़बड़झाला के चलते शहर के विभिन्न वार्डों और बाजारों में सफाई व्यवस्था का दीवाला पिट गया है। कागजों में चाहे सफाई क
्मचारियों की डयूटी कही भी दिखाई जा रही हो लेकिन धरातल पर ऐसा नही है। जितने सफाई कर्मचारी कागजों में दर्शाएं जा रहे है, यदि ईमानदारी से जांच की जाए और इतने ही कर्मचारी सफाई कार्य के लिए लगाए जाए तो शहर ना केवल चमचमा उठेगा बल्कि गंदगी के ढेर भी दूर-दूर तक दिखाई नही पड़ेंगे। सूत्रों ने नाम व पहचान का खुलासा ना किए जाने की शर्त पर बताया कि नगरपरिषद में काफी लोग ऐसे है, जिनका नाम सफाई कर्मचारियों की सूची में शामिल है और उनमें से कुछ लोग काम पर ही नही आ रहे। फिर भी उनकी हाजिरी नियमित रूप से लग रही है तो कुछ कर्मचारियों को सफाई के नाम पर आला अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व विभिन्न विभागों में तो किसी को नगरपरिषद कार्यालय में कोई अन्य काम दिया हुआ है। ऐसे में परिषद में कार्यरत सफाई दरोगाओं और सफाई निरीक्षकों व संबंधित अधिकारियों की कार्यप्रणाली आम जनमानस के बीच संदेह के घेरे में आ रही है। लोगों में ये चर्चाएं जोर पकड़ रही है कि कोरोनाकाल व लॉकडाउन के चलते कही शहर में सफाई की आड़ में मेन पावर घोटाला और फर्जीवाड़ा तो नही हो रहा है लेकिन कही-कोई, देखने-सुनने वाला नही है। यही कारण है कि शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे है। सफाई व्यवस्था बदहाल है और शहर नरक बन रहा है।
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