घरों व दुकानों में लगने वाले स्मार्ट बिजली मीटरों की मोबाइल से होगी मानीटरिंग सोहना,(उमेश गुप्ता): मुख्यमंत्री मनोहरलाल सरकार की निगाहे बिजली चोरों पर टेढ़ी हो गई है। बिजली चोरी पर प्रभावी त
ीके से रोक लगाने के लिए सरकार ने अब पूरे राज्य में ऐसे बिजली मीटर लगाए जाने की योजना बनाई है, जिसमें बिजली उपभोक्ता अपने घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों पर लगे बिजली मीटरों की मोबाइल से मानीटरिंग कर सकेंगे। राज्य में पहले चरण में ऐसे तीस लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे और दूसरे चरण में बीस लाख स्मार्ट मीटर लगेंगे। पहले चरण में खर्च होने वाले 1600 करोड़ रुपए में से 780 करोड़ रुपए केन्द्र सरकार वहन करेगी। बाकी की धनराशि राज्य सरकार वहन करेगी। बिजलीनिगम में सबडिवीजन प्रभारी रविन्द्र बैनीवाल की माने तो अब मोबाइलों की तर्ज पर बिजली भी प्रीपेड मिलेगी। लोगों को बिल भरने के लिए लंबी लाइनों में लगना नही पड़ेगा। उपभोक्ता घर बैठे ही बिजली के लिए घर बैठे रिचार्ज करा सकेंगे। जिसको लेकर हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने तीन जून को वर्चुअल पब्लिक हियरिंग का निर्णय लिया है, जिसमें लोगों से सुझाव व आपत्तियां मिलने के बाद एचईआरसी की तरफ से पॉलिसी को फाइनल किया जाएगा। उपभोक्ता को प्रीपेड स्मार्ट मीटर लाइसेंसी की ओर से दिया जाएगा। जिसके लिए हर महीने किराया वसूल किया जाएगा। इसके अतिरिक्त हरियाणा इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन की तरफ से कोई अन्य चार्ज लगाया जाता है तो उसे उपभोक्ता की राशि से प्रतिदिन के हिसाब से वसूल किया जाएगा। हालांकि उपभोक्ता खुद भी मीटर खरीद सकते है लेकिन पहले लाइसेंसी द्वारा मीटर टैस्टिंग लैब में उपपभोक्ता के मीटर को टैस्ट कराया जाएगा। जिसके बाद बिजली मीटर को उपभोक्ता के घर के बाहर लगाया जाएगा। उपभोक्ता स्मार्ट मीटर को चुनता है और उसके पास पहले से ही ऐसा पोस्टपैड मीटर है, जो उसने खुद खरीदा है तो ऐसे में लाइसेंसी को प्रीपेड स्मार्ट मीटर कनेक्शन देने के बाद मीटर वापिस करना होगा। बिजलीनिगम में सबडिवीजन प्रभारी रविन्द्र बैनीवाल की माने तो बिजली खपत करने के लिए कम से कम 500 रुपए का रिचार्ज कराना जरूरी होगा। बैलेंस कम होने पर उपभोक्ता को एसएमएस के जरिए जानकारी दी जाएगी। फिर भी रिचार्ज नही कराने पर बिजली मीटर को तुरंत प्रभाव डिस्कनेक्ट कर दिया जाएगा। जिसका समय सुबह दस बजे से दोपहर तीन बजे तक होगा। किसी भी पब्लिक होलीडे में कनेक्शन डिस्कनेक्ट नही होगा। डिस्कनेक्ट होने के बाद रिचार्ज कराने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नही देना होगा। उपभोक्ता 500 रुपए से ज्यादा का जितना रिचार्ज कराना चाहेगा, उतना रिचार्ज करा सकेगा। जिसकी अधिकतम कोई सीमा नही होगी। कोई उपभोक्ता नए प्रीपेट स्मार्ट मीटर के लिए अप्लाई करता है तो उसे सिक्योरिटी के लिए एडवांस कंजप्शन डिपोजिट नही देना होगा और पहले दिए गए एडवांस कंजप्शन डिपोजिट को लाइसेंसी द्वारा पिछले बिल में एडजस्ट कर दिया जाएगा। बिजलीनिगम में सबडिवीजन प्रभारी रविन्द्र बैनीवाल की माने तो यह स्मार्ट मीटर पूरे तरीके से हाईटेक व कम्पयटरीकृत होंगे। इतना ही नही यह स्मार्ट मीटर पूरी तरह प्रीपेड होंगे। यानि जिस तरह मोबाइलों को चलाने के लिए मोबाइल उपभोक्ता रिचार्ज कराते है, उसी तर्ज पर बिजली उपभोक्ता अपने यहां लगे बिजली मीटरों से बिजली लेने के लिए इन मीटरों को भी अपनी बिजली खपत वाली जरूरत के हिसाब से रिचार्ज कर सकेंगे और जैसे ही रिचार्ज वाले पैसे खत्म होंगे, वैसे ही स्मार्ट बिजली मीटर से बिजली आपूर्ति अपने आप बंद हो जाएगी। जब तक बिजली उपभोक्ता दोबारा से अपने मीटर को रिचार्ज नही कराएगा, तब तक उसके घर-दुकान की बिजली गुल रहेगी।
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