बंदरों के उत्पात से सोहनावासी खौफजदा-छतों पर भी जाने से डर रहे लोग सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर शहरी क्षेत्र के विभिन्न वार्डों और गली-मोहल्लों में बंदरों के बढ़ते उत्पात के चलते ल
गों की जान मुश्किल में आ गई है। हालात ये है कि बंदरों के झुंड के झुंड पूरा दिन बाजारों के साथ-साथ गली-मोहल्लों में आवाजाही वाले रास्तों पर देखकर ऐसा नजर आता है, जैसे बंदरों की बारात निकल रही है। नगरपरिषद की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ रही है। युवा अग्रवाल नेता राजेश गोयल, लोकेश अग्रवाल, निर्भय बेदी, गांव बेरका के रहने वाले कृष्ण खटाना, सतबीर दायमा, कृष्ण सैनी, गांव बालूदा के रहने वाले भगवान सिंह यादव, गांव बैसी के रहने वाले विजय सैनी ने बताया कि शहर के जागरूक लोगों, स्वयंसेवी संस्थाओं के बार-बार गुहार लगाने के बाद भी स्थानीय नगरपरिषद प्रशासन के इस मामले पर कोई ठोस व प्रभावी कदम नही उठाये जाने से जहां आम जनमानस विशेषकर छोटे-छोटे बच्चों, महिलाओं को खासी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है, वही नगरपरिषद अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों की बरती जा रही अनदेखी और बेरूखी जनता के ‘जले पर नमक छिडक़ने’ वाली कहावत को चरितार्थ करती प्रतीत हो रही है। स्थानीय अग्रवालसभा के अतरंग सदस्य रहे संजीव गुप्ता, शहर के व्यापारी नेता लाला टेकचंद बंसल, सोहना खेलस्टेडियम के मैंबर रहे धर्मबीर बंसल, सुदर्शन आर्य तथा कई भुक्तभोगी गृहणियों ने शहर में वानर सेना रूपी बंदरों के बढ़ रहे उत्पात का विस्तारपूर्वक खुलासा करते हुए हमारे प्रतिनिधि को बताया कि सुबह-सवेरे मुंह अंधेरे ही आ धमकने और उनकी छतों के इर्द-गिर्द मोर्चा संभाले यह उत्पाती बंदर घरों के ऊपर लगे एंटीना, गमलों, फैं सी लाईटों आदि सामानों को तोडऩे के अलावा घर के भीतर रखी खान-पान की वस्तुओं को झपटकर ले जाने, कपड़ों को फाडऩे तथा छतों पर सुखाए जाने वाले अनाज को खाने के साथ-साथ बिखेरने के अलावा घरों में रहने वाले लोगों के बीच अपना खौफ बना उन्हें छतों पर टहलने का आनंद लेने से वंचित कर घरों के भीतर दुबकने को मजबूर बनाये हुए है बल्कि उत्पाती बन्दरों की यह टोलियां गली-मोहल्लों में आते-जाते छोटे-छोटे बच्चों को भी डराते है और काटने में भी देर नहीं लगाते। यहां पर पहले भी बंदरों ने दर्जनों बच्चों को काट अपना शिकार बनाया तो कई लोगों के इनसे बचने के चक्कर में चोटिल होने पर हाथ-पैरों पर पलस्तर चढ़वाने के अलावा कई महिलाओं को छतों से नीचे कू दा यमदूत के यहां पहुंचा चुके है। आज हालात इतने बिगड़ गये है कि इन बंदरों के खौफ से डरे बच्चों ने अकेले घरों से बाहर निकलना और खुले मैदानों में खेलना प्राय: बंद सा ही कर दिया है। जनहित के दृष्टिगत गांव सिरसका में रहने वाले युवा समाजसेवी कर्मपाल बोकन, युवा नेता मोहित जांगडा, अमित प्रजापत, पूर्व नगरपार्षद ओमप्रकाश सैनी, सैनी युवा संगठन से जुड़े समाजसेवी कृष्ण सैनी, व्यापार मंडल संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रोहित गर्ग,
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