सोहना में शराब के ठेके खुलने से पहले ही शराब खरीदने के लिए लोगों की लगी लंबी लाइनें लॉकडाउन में नरमी के बीच शराब खरीदने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने को दरकिनार कर कोरोना संक्रमण के खतरे को भू
े लोग शराब के ठेेके खुलने पर लालपरी के शौकीन लोग नशे के लिए जान जोखिम में डालने से भी गुरेज नही करते नजर आए सोहना,(उमेश गुप्ता): कोरोना संक्रमण महामारी से बचाव के लिए चल रहे लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा कुछ छूट के साथ बाजारों को सुबह सात बजे से 12 बजे तक खोले जाने और शराब ठेके खोले जाने के निर्देशों के बाद शराब ठेके खुलने से पहले शराब ठेकों के बाहर शराब खरीदने के लिए लोगों की लंबी लाइनें लग गई। ऐसे में शराब के ठेकों पर सोशल डिंस्टेसिंग यानि शारीरिक दूरी के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ी। देखने वाली बात ये रही कि शराब खरीदने के लिए शौकीन लोग शराब के ठेके खुलने से पहले ही ठेकों के बाहर आकर जमा हो गए। शराब ठेकों पर ना तो ग्राहकों ने सामाजिक दूरी का ध्यान रखा और ना ही शराब ठेके पर कार्यरत कारिंदों ने ग्राहकों का ध्यान इस तरफ दिलाया। सोशल डिंस्टेसिंग के नियमों को तोड़ते हुए लोग एक-दूसरे से सटकर खड़े दिखे तो कई लोग शराब की एक साथ दस-दस बोतलें तो कई पेटी खरीद कर ले जाते देखे गए। शराब ठेकों पर सैनेटाइजर भी देखने को नही मिला तो कई ग्राहक बिना मास्क लगाए शराब खरीदते नजर आए। शराब ठेकों पर विभिन्न ब्रांडों वाली शराब की कीमत को लेकर ना तो कोई रेट लिस्ट लगाई गई। देखने वाली बात ये रही कि शराब ठेके पर कार्यरत कारिंदों ने अंग्रेजी शराब की विभिन्न ब्रांडों वाली बोतलें खरीदने वाले ग्राहकों को शराब खरीदने पर लिए गए पैसों की एवज में कोई बिल या रशीद भी नही दी। हालांकि शराब ठेके खुलने पर शुरूआत में तो पुलिस जवान खड़े नजर आए लेकिन चंद देर बाद नदारद हो गए। लालपरी का नशा करने की चाहत में लोग मुंहमांगे दामों पर शराब खरीदते नजर आए। जाहिर है कि ऐसे में यहां पर शराब तस्करी की संभावनाएं ज्यादा बढ़ गई है। जिन्हे रोकना आबकारी विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नही होगा। देखने वाली बात ये है कि शराब के शौकीनों को कोरोना संक्रमण का खौफ नही रोक पा रहा है। लालपरी का शौक फरमाने वाले शराब के चाहने वालों में शराब खरीदने के लिए जोश व उत्साह देखने को मिल रहा है। लालपरी के कई शौकीनों ने नाम व पहचान का खुलासा ना किए जाने की शर्त पर कहा कि कोरोना की चल रही दूसरी लहर के दौरान जब से लॉकडाउन हुआ है, 24 दिन बीत गए है। शराब ठेके बंद होने से 300 रुपए की कीमत वाली शराब की बोतल उन्हे चोरी-छिपे ब्लैक में चार गुणा दामों पर 1200 रुपए में खरीद कर अपना शौक पूरा करना पड़ा। उसमें भी पकड़े जाने का डर रहा लेकिन अब शराब ठेके खुल गए है। वह एक साथ 5 से 10 बोतल खरीद कर ले जा रहे है ताकि दोबारा से किसी कारणवश ठेके बंद हो भी जाए तो उनका महीने भर का कोटा पूरा रहे और उन्हे शराब के लिए इधर-उधर ना भटकना पड़े। आबकारी एवं कराधान विभाग में कार्यरत निरीक्षक सोमदत्त ने बताया कि शराब के ठेके सुबह 7 बजे से खुलेंगे और शाम को 7 बजे बंद होंगे। यदि कोई शराब ठेका कंटेनमेंट जोन के किसी गली, मोहल्ले, वार्ड में है तो वह शराब ठेका खोलने पर बंदिश रहेगी। आर्यसमाज के प्रधान महेश आर्य, युवा समाजसेवी संजय आर्य, बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान देवदत्त शर्मा एडवोकेट, महाशय चेतराम आर्य आदि जागरूक लोगों ने सरकार के शराब ठेके खोले जाने वाले निर्णय पर उंगलियां उठाते हुए कहा कि सरकार ने शराब की दुकानों को खोलने की इजाजत दे दी लेकिन बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए स्कूलों को खोलने पर मनाही है। सरकार ने ये नही सोचा कि जब शराब की दुकानों पर खरीददारों की भीड़ जुटेगी तो 24 दिनों की भागीरथी तपस्या का क्या होगा? ऐसे में कोरोना पर रोकथाम वाली नीति पर क्या असर पड़ेगा?
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