विश्व एडस दिवस पर सोहना में हुआ कार्यक्रम का आयोजन : डाक्टर प्रवीण यादव

Khoji NCR
2020-12-01 11:49:15

सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर शहर में खेलस्टेडियम के सामने स्थित वरदान अस्पताल एवं ट्रामा सेंटर में मंगलवार को ‘विश्व एडस दिवस’ पर आम जनमानस को एडस से बचाव और इस बीमारी के प्रति जागरूक बनाने के

िये एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में कई स्वयंसेवी संस्थाओं से जुडे लोगों और आमंत्रितजनों ने भी बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। कार्यक्रम में उपस्थितों के बीच मुख्य वक्ता रूप में बोलतेे हुए वरदान अस्पताल एवं ट्रामा सेंटर के संचालक डाक्टर प्रवीण यादव ने एडस से बचाव के तौर-तरीके समझाए और बताया कि एडस 4 तरीकों से फैलता है, जिनमें एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित रक्त व रक्त उत्पाद से, संक्रकित सुईयों व सीरिंज के इस्तेमाल से और गर्भवती माता से होने वाले शिशु से। वरदान अस्पताल एवं ट्रामा सेंटर के संचालक डाक्टर प्रवीण यादव तथा महिला चिकित्सक निशेदु यादव ने एडस से बचाव के लिए हर बार नई सुई व सीरिंज का इस्तेमाल करने, लाइसेंस प्राप्त रक्त बैंक से जांच किए गए खून का जरूरत पडऩे पर इस्तेमाल करने, कंडोम का उपयोग करने और गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला की एचआईवीपी जांच कराए जाने पर जोर दिया और कहा कि स्वास्थ्य संबंधी ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर अवश्य होते रहने चाहिए ताकि आम जनता को बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूक बनाया जा सके। शहर में दमदमा रोड स्थित डीवीएम सीनियर सैकेंडरी पब्लिक स्कूल में अवकाश के बावजूद ‘विश्व एडस दिवस’ के उपलक्ष्य में आम जनमानस को एडस से बचाव और इस बीमारी के खिलाफ जागरूक बनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम का आयोजन विद्यालय परिसर में हुआ। विद्यालय के निर्देशक मोहनप्रकाश कौशिक के अनुसार इस कार्यक्रम में कई स्वयंसेवी संस्थाओं से जुडे लोगों और आमंत्रितजनों ने भी बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। कार्यक्रम में उपस्थितों के बीच मुख्य वक्ता रूप में बोलतेे हुए चिकित्सा अधिकारी डाक्टर एसपी राठौर ने बताया कि एचआईवी वायरस शरीर में असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित खून, संक्रमित सुईयों व संक्रमित माता-पिता से पैदा हुए बच्चों से फैलती है जो 6 से 12 हफ्ते में खून में समा जाती है। एचआईवी संक्रमण से एआईडीएस की स्थिति में पहुंचने के लिए 5 से 10 साल लग जाते है। एचआईवी का पहला मरीज 1981 में अमरीका में पाया गया था और 1986 में भारत में। उन्होंने इसके बचाव के उपाय बताते हुए कहा कि आज सरकार इस बीमारी से बचाव के लिए अनेक उपाय चलाए हुए है। उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए असुरक्षित यौन संबंध ना बनाए। संक्रमित खून ना चढ़वाए तथा अस्पताल में रोजाना टैस्ट होता है जो मुफ्त है। इस टैस्ट को जरूर कराए। स्वास्थ्य विभाग संक्रमित लोगों की संख्या कम करने के लिए वक्त-वक्त पर जागरूकता अभियान भी चलाता है।

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