कब है वैशाख अमावस्या, ईद-उल-फितर, अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती और विनायक चतुर्थी

Khoji NCR
2021-05-10 10:11:49

आज से मई 2021 का तीसरा सप्ताह प्रारंभ हो गया है। इस सप्ताह में कई महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार आने वाले हैं, जिसमें वैशाख अमावस्या, ईद-उल-फितर, अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती और विनायक चतुर्थी शामिल ह

ै। जागरण अध्यात्म में आज हम जानते हैं कि ये महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार किस दिन और किस तारीख को पड़ने वाले हैं। यह बताने का उद्देश्य यह है कि आप इन व्रत एवं त्योहारों के लिए आप पहले से ही तैयारी कर लें। मई 2021 के साप्ताहिक व्रत एवं त्योहार 11 मई, दिन:मंगलवार, वैशाख अमावस्या वैशाख अमावस्या 2021: इस वर्ष वैशाख अमावस्या 11 मई दिन मंगलवार को है। इस दिन स्नान, दान और तप का विशेष महत्व होता है। इस बार वैशाख अमावस्या के दिन शोभन योग, सौभाग्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। इस दिन पितरों की आत्म तृप्ति के लिए श्राद्ध कर्म भी किया जाता है। 13 मई, दिन: बुधवार, ईद-उल-फितर ईद-उल-फितर 2021: इस वर्ष ईद-उल-फितर का त्योहार 13 मई दिन बुधवार को है। हालांकि यह चांद के दिखने पर निर्भर करता है। 12 मई को चांद दिखेगा तो उसके अगले दिन 13 मई को ईद मनाई जाएगी। यदि 13 मई को चांद दिखेगा, तो 14 मई को ईद मनाई जाएगी। ईद-उल-फितर को मीठी ईद भी कहा जाता है। इस दिन मीठे पकवान बनाए जाते हैं। इस दिन पवित्र माह रमजान का समापन होता है। 14 मई, दिन: शुक्रवार, परशुराम जयंती, अक्षय तृतीया। परशुराम जयंती 2021: इस वर्ष परशुराम जयंती 14 मई दिन शुक्रवार को है। हिन्दी पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी का जन्म हुआ था। इस वजह से हर वर्ष इस ​तिथि को परशुराम जयंती मनाई जाती है। अक्षय तृतीया 2021: इस वर्ष अक्षय तृतीया 14 मई दिन शुक्रवार को है। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हर वर्ष अक्षय तृतीया मनाई जाती है। इस दिन विवाह का उत्तम योग होता है। अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना शुभ होता है। इस बार की अक्षय तृतीया इसलिए भी विशेष है क्योंकि ​यह शुक्रवार के दिन है और शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा होती है। 15 मई, दिन: शनिवार, विनायक चतुर्थी विनायक चतुर्थी 2021: वैशाख मास की विनायक चतुर्थी 15 मई दिन शनिवार को है। इस दिन भगवान गणेश जी की विधि विधान से पूजा की जाती है। उनको दूर्वा अर्पित किया जाता है और मोदक का भोग लगाया जाता है। गणेश जी की कृपा से सभी कार्य बिना बाधा के संपन्न हो जाते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

Comments


Upcoming News