मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही ममता का कड़ा संदेश, हिंसा फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

Khoji NCR
2021-05-05 08:21:32

कोलकाता, । बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को लगातार तीसरी बार राज्य की मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राजभवन में सुबह 10:45 बजे शपथ

ेने के तुरंत बाद ममता ने अपने पहले संबोधन में राज्य में जारी हिंसा पर कड़ा संदेश दिया। ममता ने कहा कि हिंसा फैलाने वालों से कड़ाई से निपटा जाएगा और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ममता ने साफ कहा कि हिंसा की घटना को वह बर्दाश्त नहीं करेंगी। इधर, राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भी ममता बनर्जी और राज्यपाल के बीच तल्ख़ियां साफ देखी गईं। ममता के शपथ लेने के तुरंत बाद उस समय अभूतपूर्व स्थिति देखी गई जब राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपने बधाई संबोधन में ही ममता को हिंसा के मुद्दे पर नसीहत दे डाली। राज्यपाल ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था का राज होना चाहिए और राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता हिंसा को रोकना हो। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए हिंसा ठीक नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं कि ममता बनर्जी संविधान के अनुसार चलेंगी। इसके बाद ममता ने भी राज्यपाल को जवाब देते हुए कहा कि राज्य में पिछले तीन महीने से कानून-व्यवस्था सभी चुनाव आयोग के अंतर्गत है। पिछले तीन महीने के दौरान चुनाव आयोग ने डीजीपी से लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिस अधिकारियों को बड़े पैमाने पर बदल दिया था। अब मैं अभी-अभी मुख्यमंत्री पद की शपथ ली हूं और नए सिरे से पूरी व्यवस्था को ठीक करूंगी। ममता ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता कोविड-19 से मुकाबला है। इसके बाद कानून व्यवस्था को ठीक करना व शांति बहाली उनकी प्राथमिकता है। ममता ने कहा कि मैं यहां से जाकर राज्य सचिवालय नवान्न में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करूंगी और इसमें चुनाव आयोग द्वारा बदले गए अधिकारियों को भी वापस तैनाती पर बड़ा फैसला लेंगी। ममता ने इसके साथ ही दोहराया कि मैं शांति के पक्ष में हूं। जहां- जहां अव्यवस्था है कड़ाई से निपटूंगी। हिंसा में शामिल किसी भी लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। ममता ने सभी राजनीतिक दलों से भी अपील की कि वे शांति बनाए रखें। बताते चलें कि साल 2019 में राज्यपाल बनने के बाद से ही धनखड़ और ममता बनर्जी के बीच टकराव किसी से छिपी नहीं है।विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार और राजभवन के बीच लगातार टकराव देखा गया है।

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