सोहना,(उमेश गुप्ता): कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना के शुरूआती लक्षणों को नजरअंदाज करना हर वर्ग व आयु के लोगों विशेषकर युवाओं को भारी पड़ रहा है क्योकि इस बार युवा भी कोरोना संक्रमण की चपेट में
ज्यादा आ रहे है तो कोरोना संक्रमण की वजह से कई युवा अकाल मौत का ग्रास बन काल के गाल में समा रहे है। डाक्टरों का कहना है कि कोरोना के शुरूआती लक्षणों को नजरअंदाज करना ही युवाओं पर भारी पड़ रहा है। ऐसे में अब डाक्टरों के साथ-साथ परिजन भी अपने श्वजनों को सलाह दे रहे है कि खांसी-जुकाम, हल्का बुखार होने पर भी जांच कराने में देरी नही लगानी चाहिए। भरपूर आराम करना चाहिए और डाक्टर की सलाह से घर पर रहकर ही इलाज शुरू कर देना चाहिए। देखा जाए तो जो लोग मोटापा, मधुमेह, रक्तचाप, दिल जैसी बीमारियों से पीडि़त है, ऐसे लोगों में कोरोना संक्रमण की आशंका ज्यादा रहती है। हालांकि युवाओं में इम्युनिटी पावर ज्यादा होने की वजह से शुरूआत में कोरोना संक्रमण के ज्यादा लक्षण नजर नही आते। इसी वजह से वह गले में खराश, बदन दर्द जैसे हल्के लक्षणों को नजरअंदाज कर जाते है। जिसका परिणाम ये होता है कि दूसरे सप्ताह में बीमारी गंभीर बन जाती है। डाक्टरों की माने तो कोरोना अथवा टाईफाइड का संक्रमण होने पर जल्द स्वस्थ होने के लिए पूरी तरह आराम करना बहुत जरूरी है। पर्याप्त मात्रा में पानी और डाक्टर के परामर्श पर जरूरी दवाएं निर्धारित समय पर लेते रहनी चाहिए ताकि डिहाईडे्रशन की समस्या ना हो। अल्पाहार, भोजन आदि भी डाक्टर के परामर्श से लेना चाहिए। दवा भी डाक्टर से परामर्श करने के बाद ही लेनी चाहिए।
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