नई दिल्ली। मिर्ज़ापुर के दूसरे सीज़न में बीना त्रिपाठी की साजिशों ने अगर आपको हैरान किया था तो अब तैयार हो जाइए डॉ. मीरा कपूर से मिलने के लिए, जो 30 अप्रैल को डिज्नी प्लस हॉटस्टार की बहुचर्चित स
रीज़ 'आउट ऑफ़ लव' के दूसरे सीज़न (Out Of Love Season 2) के साथ लौट रही है। इन किरदारों को निभाने वाली बेहतरीन अदाकारा रसिका दुग्गल आउट ऑफ़ लव के दूसरे सीज़न को लेकर काफ़ी उत्साहित हैं। जागरण डॉट कॉम से ख़ास बातचीत में रसिका ने अपने किरदार और ओटीटी के दौर में भावी सम्भावनाओं पर बात की। 'आउट ऑफ़ लव सीज़न 2' की शुरुआत आकर्ष के किरदार की वापसी से होती है, जिसने पहले सीज़न में अपनी पत्नी डॉ. मीरा कपूर की ज़िंदगी को दुश्वार कर दिया था। दूसरे सीज़न में अपने किरदार को लेकर रसिका कहती हैं, 'दूसरे सीज़न की शुरुआत में डॉ. मीरा कपूर बहुत ही अच्छे स्पेस में होती है। फिर आकर्ष वापस आ जाता है और चीज़ें बहुत तेज़ी से बदल जाती हैं। उसके बाद तो वो अपना रास्ता ढूंढने जुट जाती है। शुरुआत तो मजबूती के साथ ही होती है। मीरा इस बार तगड़ी टक्कर देने वाली है।' रसिका इससे पहले मिर्ज़ापुर के दूसरे सीज़न के लिए ख़ूब चर्चा में रही थीं। यह कल्ट सीरीज़ भले ही कालीन भैया, मुन्ना भैया और गुड्डू भैया के किरदारों पर केंद्रित हो, मगर दूसरे सीज़न में असली खिलाड़ी कालीन भैया की पत्नी बीना त्रिपाठी ही निकलती है, जो बेहद मजबूत किरदार है। रसिका इन दोनों किरदारों के बीच फ़र्क बताती हैं- 'बीना त्रिपाठी से काफ़ी अलग है मीरा कपूर। बीना त्रिपाठी में बहुत कॉन्फिडेंस है। वो एक मास्टर मेनिपुलेटर (साजिशकर्ता) है। उसको पता है कि किसकी क्या ताकत है और क्या कमज़ोरी है। वो उनके साथ खेलना जानती है। उसके पास हर समय एक प्लान होता है। उस प्लान को बखूबी निभाती है। लोगों को पता ही नहीं लगता है कि वो क्या खेल खेल रही है। मीरा कपूर बहुत ही सिंपल और स्ट्रेट फॉरवर्ड इंसान है, लेकिन कई बार जज़्बाती फै़सले लेती है। ऐसा करने के बाद उसको बुरा भी लगता है। बीना त्रिपाठी की ज़िंदगी में ऐसा कोई असमंजस नहीं है। उसको किसी का दिल तोड़ने में या किसी की ज़िंदगी ख़राब करने में बुरा नहीं लगता।' आउट ऑफ़ लव में आकर्ष का किरदार पूरब कोहली निभा रहे हैं। पूरब के साथ रसिका पहले भी काम कर चुकी हैं, मगर यह पहला प्रोजेक्ट है, जिसमें दोनों मुख्य किरदार निभा रहे हैं। रसिका बताती हैं- 'पूरब को मैं काफ़ी सालों से जानती हूं। हमने पीओडब्ल्यू से पहले भी बहुत से प्रोजेक्ट साथ किये हैं, मगर उन प्रोजेक्ट्स में एक-दूसरे के साथ काम नहीं था। जैसे, पूरब ने एक फ़िल्म की थी 10 एमएल लव। उसमें मेरा छोटा-सा रोल था। मंटो में मेरा लीड रोल था। पूरब का छोटा-सा रोल था। पीओड्ब्ल्यू में भी हमने एक साथ काम किया, मगर हमारे किरदार ज़्यादा नहीं मिलते। एक- दो सीन के लिए मिलते हैं, उसमें भी हमारा इंटरेक्शन ज़्यादा नहीं होता।' पूरब के साथ वैचारिक स्तर पर सामंजस्य होने की वजह से रसिका का काम आसान हो गया- 'कम्फर्ट लेबल पहले से था, फिर पहले सीज़न में इतना क़रीब रहकर काम किया कि एक्टिंग के नज़रिए से ट्यूनिंग आसानी से बैठ गयी। मतलब, मुझे पता है कि पूरब कैसे काम करता है। उसे पता है कि मैं कैसे काम करती हूं। पूरब जैसे ही सेट पर आता है, वो टेक्नीकल बातों के लिए काफ़ी ध्यान देता है। पूरब को पता होता है कि लाइटिंग कैसी है। लेंस कौन सा लगा है। उसके बाद कौन सी एक्सिस में जाएंगे। उसको इसकी बहुत जानकारी रहती है। मेरी एक आदत है। जब भी मैं टेक करती हूं, मुझे हर बार ऐसा लगता है कि इससे बेहतर हो सकता था। टेक होते ही मैं अपने डायरेक्टर, को-एक्टर और डीओपी से मिन्नतें करती हूं कि मुझे एक टेक और दे दो। बेहतर कर सकते हैं। पूरब को मेरी यह आदत पता है। को-एक्टर के साथ ट्यूनिंग बैठ जाए तो वो आपके काम में बहुत मदद करता है, क्योंकि कोई भी सीन दो एक्टर्स के साथ ही बनता है, अकेले सीन नहीं बनता।' फ़िल्मों और टीवी में उल्लेखनीय काम करने के साथ रसिका लगभग पांच सालों से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नज़र आ रही हैं। उन्होंने मिर्ज़ापुर, दिल्ली क्राइम, मेड इन हेवन और अ सूटेबल बॉय जैसी सीरीज़ में अहम किरदार निभाये हैं। इस स्पेस में कंटेंट की विविधता को लेकर वो काफ़ी ख़ुश हैं। रसिका ने कहा- 'ओटीटी की इस ग्रोथ को कभी एंटिसिपेट नहीं किया था, क्योंकि काम की डिटेल में इतनी बिज़ी हो जाती हूं कि बिज़नेस के नज़रिए से नहीं सोच पाती। ज़्यादा आगे का नहीं सोचती। इस पल में जो हो रहा है, उसी में रिस्पॉन्ड करती हूं। लेकिन हां, जो बदलाव आये हैं, उससे बहुत ख़ुश हूं, क्योंकि ओटीटी के माध्यम से दर्शकों की एक बड़ी तादाद तक पहुंचने का मौक़ा मिला है, जो चांस अपनी फ़िल्मों से मुझे कभी नहीं मिला था। इतनी विविधतापूर्ण काम हो रहा है। ऑडिएंस हर तरह के काम को सराह रही है। ओटीटी में कोई यह नहीं कह सकता कि बस इसी तरह का काम चलेगा। यह एक अच्छी बात है। जिस स्पेस में विविधता दिखाने का मौक़ा मिलता रहे, वो हर क्रिएटिव इंसान के लिए बहुत ही हेल्दी होता है। हालांकि, यहां भी अब बहुत शोर-शराबा होने लगा है। मैं यह नहीं कह रही कि यहां सिर्फ़ अच्छा काम होता है। अच्छा भी है, बुरा भी है। लेकिन हर चीज़ के लिए जगह है, इसलिए मैं ख़ुश हूं।' ओटीटी कंटेंट प्लेटफॉर्म और थिएटर बिज़नेस के बीच रसिका कोई टकराव नहीं देखतीं। उनका मानना है कि दोनों बिल्कुल अलग फॉर्मेट हैं और दोनों साथ-साथ चलेंगे।
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