हिंसा बंद होने की शर्त पर आसियान म्यांमार की मदद को सहमत, भारत ने हिंसा रोकने के कदम का किया स्वागत

Khoji NCR
2021-04-26 07:19:52

जकार्ता,। दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के नेता म्यांमार को सहायता देने की योजना पर सहमत हो गए हैं। इस सहायता की शर्त यह होगी कि म्यांमार की सैन्य सरकार को प्रदर्शनकारियों की हत्याएं बंद करनी ह

ंगी। लेकिन म्यांमार के सैन्य प्रशासक मंडल जुंटा के प्रमुख ने प्रदर्शनकारियों की हत्याएं रोकने पर कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया है। भारत ने आसियान के कदम का स्वागत किया और उसके नेताओं की सोच के प्रति अपना समर्थन जताया है। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की एसोसिएशन (आसियान) की बैठक के बाद मलेशिया के प्रधानमंत्री मुहिद्दीन यासीन ने कहा है कि जुंटा का यह रुख हमारी अपेक्षा के अनुरूप नहीं है। आसियान की इस बैठक में म्यांमार की सेना के सीनियर जनरल मिन आंग लैंग भी शामिल हुए थे। यासीन ने कहा, हम ज्यादा की अपेक्षा नहीं करते लेकिन इतना जरूर चाहते हैं कि म्यांमार में हिंसा रुके, वहां पर निर्दोषों की हत्याएं बंद हों। बैठक में आसियान नेताओं ने म्यांमार के सीनियर जनरल से अपेक्षा की कि वह प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई रुकवाएं। साथ ही राजनीतिक बंदियों को कैद से मुक्त कराएं। उल्लेखनीय है कि म्यांमार में एक फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद से अभी तक सुरक्षा बलों की कार्रवाई में करीब 750 लोग मारे गए हैं। यासीन ने कहा, जनरल लैंग ने उनकी अपेक्षाओं को अस्वीकार करने की बात नहीं की लेकिन उन्होंने उन्हें स्वीकार भी नहीं किया। ब्रूनेई के सुल्तान की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पांच बिंदुओं पर सहमति जताई गई। म्यांमार में हिंसा पर रोक लगे और सभी संबद्ध पक्षों के बीच वार्ता शुरू हो। इस वार्ता में आसियान की तरफ से भी एक विशेष दूत शामिल हो। यह विशेष दूत म्यांमार का दौरा करे और वहां दी जाने वाली मदद की रूपरेखा तैयार करे। इन पांच बिंदुओं में राजनीतिक बंदियों का मसला शामिल नहीं है। लेकिन ब्रूनेई के सुल्तान की ओर से जारी बयान में राजनीतिक बंदियों की रिहाई की अपेक्षा जताई गई है। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लुंग ने बताया, जनरल लैंग ने हमारी बातें सुनी हैं-अपेक्षा के बिंदु तैयार किए हैं-म्यांमार में प्रशासक मंडल के बीच विचार के दौरान ये बिंदु सहायक साबित होंगे। उन्होंने आसियान की अपेक्षाओं को गलत नहीं बताया। ली ने कहा, म्यांमार में हिंसा को शांत करने के लिए वार्ता की यह प्रक्रिया लंबी चल सकती है।

Comments


Upcoming News