'साजन' के संगीतकार श्रवण राठौड़ के निधन पर भावुक हुईं माधुरी दीक्षित, अक्षय कुमार और अजय देवगन ने किया याद

Khoji NCR
2021-04-23 08:25:30

नई दिल्ली, । 90 के दौर का शायद ही कोई ऐसा उभरता हुआ एक्टर होगा, जिसकी फ़िल्मों को नदीम-श्रवण के संगीत ने ना संवारा हो। उस दौर में फ़िल्मों की कामयाबी में संगीत की भूमिका अहम होती थी। आशिक़ी जैसी क

तनी ही फ़िल्में आयीं, जिन्हें संगीत ने बॉक्स ऑफ़िस पर सफलता दिलायी और इन फ़िल्मों में काम करने वाले कलाकार रातों-रात सितारे बन गये। गुरुवार देर रात जब श्रवण राठौड़ के निधन की दुखद ख़बर आयी तो आंखों के सामने एक बार फिर नब्बे का वो ज़माना तैर गया, जिसे नदीम सैफ़ी और श्रवण राठौड़ की जोड़ी ने सुरीला बनाया था। हिंदी सिनेमा में जोड़ियों का चलन काफ़ी पुराना रहा। लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, कल्याणजी-आनंदजी... और फिर नदीम-श्रवण। इनके सरनेम भले ही किसी को ना मालूम हों, पर फ़िल्म से अगर नदीम-श्रवण का नाम जुड़ा है तो समझिए सफलता की गारंटी। यही वजह है कि श्रवण राठौड़ के निधन के बाद हिंदी म्यूज़िक इंडस्ट्री सदमे में है तो उन कलाकारों को भी झटका लगा, जिनकी फ़िल्मों में नदीम-श्रवण की जोड़ी ने संगीत दिया। माधुरी दीक्षित के करियर की सबसे यादगार फ़िल्मों में शामिल है साजन। 1990 में आयी यह फ़िल्म अपने संगीत के लिए ब्लॉकबस्टर रही थी। संजय दत्त और सलमान ख़ान माधुरी के को-स्टार्स थे। माधुरी ने लिखा- सुबह-सुबह श्रवण राठौड़ जी के निधन के बारे में सुनकर दिल टूट गया। सदाबहार धुनों के लिए आपका नाम अमर रहेगा। साजन, राजा और तमाम मेरी फ़िल्मों में साथ देने के लिए शुक्रिया। परिवार और दोस्तों को मेरी गहरी संवेदनाएं। अक्षय कुमार ऐसे ही कलाकारों में शामिल हैं। 90 के दशक में नदीम-श्रवण ने अक्षय की कई फ़िल्मों का संगीत दिया, जिनमें सबसे यादगार 2000 में आयी फ़िल्म धड़कन का है। उस दौर को याद करते हुए अक्षय ने लिखा- संगीतकार श्रवण के निधन की ख़बर सुनकर बहुत दुख हुआ। 90 और उसके बाद नदीम-श्रवण ने मेरी कई फ़िल्मों का संगीत बनाया, जिनमें धड़कन भी शामिल है, जो मेरे करियर की लीजेंड्री फ़िल्म है। उनके परिवार गहरी संवेदनाएं। अजय ने दो बाइकों पर सवाल होकर फूल और कांटे से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। अजय की पहली फ़िल्म का संगीत नदीम-श्रवण ने ही दिया था, जो काफी सफल रहा और आज भी गाने कानों में रस घोल देते हैं। अजय ने लिखा- श्रवण (और नदीम) मेरे करियर में 30 सालों तक साथ रहे, जिनमें सदाबहार एल्बम फूल और कांटे भी शामिल है। बहुत दुख हुआ। पिछली रात उनके निधन की ख़बर सुनना दुर्भाग्यपूर्ण है। उनके परिवार को सांत्वना। नदीम-श्रवण के संगीत करियर की कोई कहानी आशिक़ी के बिना पूरी नहीं हो सकती और राहुल रॉय के करियर की आशिक़ी से शुरू होती है। 1990 में आयी महेश भट्ट निर्देशित आशिक़ी से राहुल रॉय ने डेब्यू किया था। इस फ़िल्म की ब्लॉकबस्टर सफलता में इसके संगीत का बहुत बड़ा योगदान है। राहुल ने श्रवण के निधन पर लिखा- पिछले 48 घंटों में दो क़रीबियों को खो चुका हूं। श्रवण और मैंने 16-17 फ़िल्में साथ की थीं। ऐसे संगीत के लिए धन्यवाद। बहुत याद आएगी। श्रवण को हाल ही में कोविड-19 की पुष्टि हुई थी। उन्हे पहले ही स्वास्थ्य समस्या थी, जो कोरोना वायरस संक्रमण के बाद गंभीर हो गयी। श्रवण को गंभीर हालत में मुंबई के माहिम इलाक़े में स्थित रहेजा अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। गीतकार समीर के अनुसार, श्रवण डायबेटिक थे और हार्ट की प्रॉब्लम भी हो गयी थी। नदीम-श्रवण की जोड़ी ने नब्बे के दशक में कई यादगार और बेहद सफल गानों की रचना की थी, जिनमें आशिक़ी, साजन, दिल है कि मानता नहीं, हम हैं राही प्यार के, फूल और कांटें, सड़क, दीवाना और परदेस जैसी फ़िल्में शामिल हैं।

Comments


Upcoming News