सोहना,(उमेश गुप्ता): किसी वक्त में सोहना इलाका दूध, दही के लिए विख्यात था। घर-घर में दूध, दही, घी, मक्खन की भरमार होती थी। चूल्हे पर हांडी में दूध ओटता था लेकिन आज लोगों को घर-घर दूध मिले ना मिले, स्व
च्छ पानी मिले ना मिले लेकिन लोगों को पथभ्रष्ट करने वाली शराब की होम डिलीवरी का बोलबाला है। पुलिस की निगाहबानी के बावजूद अवैध रूप से शराब बेचने के धंधे में लगे लोगों के शहर में जगह-जगह शराब की होम डिलीवरी आम बात है तो गांवों में परचून की दुकान पर शराब की बिक्री खुलेआम ऐसे होती है, जैसे दुकानदार पानी की बोतल अथवा दूध की थैली बेच रहा हो। नंबरदार तेजपाल सैनी, लाला धर्मचंद जिंदल, वेदराम वशिष्ठ, लाला यादराम अटारिया, लाला अमर चंद मालबिया, सरदार संत सिंह आदि बड़े, बुजुर्गों का कहना है कि उनके जमाने में सोहना इलाका शुद्ध दूध, दही और बढिय़ा देशी घी, पौदीना, बेर और सिंघाडे के लिए विख्यात था। सोहना इलाके का दूध और घी डिब्बों में भरकर दिल्ली, राजस्थान तक जाता था। सोहना की पहाडिय़ों में लगने वाले बेर धोबीघाट पर तालाब में उगने वाले सिंघाडे और जमीदारों की बाडिय़ों में उगने वाला पौदीना आसपास लगते प्रदेशों में मुंहमांगे दामों पर बिकता था लेकिन आज ये चीजे गौण होकर रह गई है।
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