सोहना,(उमेश गुप्ता): सोहना शहरी क्षेत्र में बंदरों के बढ़ते उत्पात के चलते लोगों की जान मुश्किल में आ गई है और शहर के जागरूक लोगों, स्वयंसेवी संस्थाओं के बार-बार गुहार लगाने के बाद भी स्थानीय न
रपरिषद प्रशासन के इस मामले पर कोई ठोस व प्रभावी कदम नहीं उठाये जाने से जहां आम जनमानस विशेषकर छोट-छोटे बच्चों, महिलाओं को खासी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है, वही नगरपरिषद अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों की बरती जा रही अनदेखी और बेरूखी जनता के ‘जले पर नमक छिडक़ने’ वाली कहावत को चरितार्थ करती प्रतीत हो रही है। स्थानीय अग्रवालसभा के अतरंग सदस्य रहे संजीव गुप्ता तथा सैकड़ों भुक्तभोगी गृहणियों ने शहर में वानर सेना रूपी बंदरों के बढ़ रहे उत्पात का विस्तारपूर्वक खुलासा करते हुए हमारे प्रतिनिधि को बताया कि सुबह-सवेरे मुंह अंधेरे ही आ धमकने और उनकी छतों के इर्द-गिर्द मोर्चा संभाले यह उत्पाती बंदर घरों के ऊपर लगे एंटीना, गमलों, फैं सी लाईटों आदि सामानों को तोडऩे के अलावा घर के भीतर रखी खान-पान की वस्तुओं को झपटकर ले जाने, कपड़ों को फाडऩे तथा छतों पर सुखाए जाने वाले अनाज को खाने के साथ-साथ बिखेरने के अलावा घरों में रहने वाले लोगों के बीच अपना खौफ बना उन्हें छतों पर टहलने का आनंद लेने से वंचित कर घरों के भीतर दुबकने को मजबूर बनाये हुए है बल्कि उत्पाती बन्दरों की यह टोलियां गली-मोहल्लों में स्कूल आते-जाते छोटे-छोटे बच्चों को भी डराते है और काटने में भी देर नहीं लगाते। यहां बंदर दर्जनों बच्चों को काट अपना शिकार बना और कई लोगों के इनसे बचने के चक्कर में चोटिल होने पर हाथ-पैरो पर पलस्तर चढ़वाने के अलावा कई महिलाओं को छतों से नीचे कू दा यमदूत के यहां पहुंचा चुके है। आज हालात इतने बिगड़ गये है कि इन बंदरों के खौफ से डरे बच्चों ने अकेले घरों से बाहर निकलना और खुले मैदानों में खेलना प्राय: बंद सा ही कर दिया है। जनहित के दृष्टिगत रंगमंच कलाकार देशराज गोयल, ओमप्रकाश सिंगला, अग्रवालसभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष उमेश अग्रवाल आदि प्रमुखजनों समेत जागरूक लोगों ने सोहना नगरपरिषद से इस तरफ तत्काल ध्यान दे जनता को उत्पाती बन्दरों से निजात दिलाने की मांग की है।
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