सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर शनिवार को उपमंडल न्यायालय परिसर में लोक अदालत का आयोजन हुआ। प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां पर प्रथम श्रेणी ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट आलोक आनंद की अदालत ने अपने सम्मु
ख आए अनेक केसों को निपटाया। प्रथम श्रेणी ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट आलोक आनंद का कहना है कि लोक अदालत में किसी भी पक्ष की कोई हार और जीत नही होती है। दोनों ही पक्षों को सहमति बनने पर जल्द न्याय प्राप्त हो जाता है। वही सामाजिक संबंध भी बने रहते है। उन्होने हमारे प्रतिनिधि उमेश गुप्ता को बताया कि लोक अदालत लोगों की सुविधा के लिए आयोजित की गई ताकि अधिक से अधिक केसों का निपटारा किया जा सके। लोक अदालत में फौजदारी और आपराधिक दोनों को मिलाकर कुल 55 मामले आए। जिनमें से 39 का निपटारा मौके पर ही हाथोंहाथ हो गया। उन्होने बताया कि चेक बाउंस के 2 मामले सामने आए। जिसमें से एक मामले का निपटारा कर दिया गया है। सिविल के 15 केस सामने आए, जिनमें से 12 का निपटारा हो गया है। इसके अलावा क्रिमिनल कम्पाउंडेबल 25 मामले सामने आए, जिनमें से 18 का निपटारा हाथोंहाथ कर दिया गया है। सेटलमेंट अमाउंट 33 हजार 650 रुपए लिया गया है। बैंक रिकवरी के 2 मामले आए। दोनों ही मामलों में सैटलमेंट होने पर निपटारा कर दिया गया है। इसके अलावा ट्रैफिक चालान के 10 में से 5 मामलों का निपटारा हो गया है, जिसमें 13 हजार 200 रुपए की वसूली की गई है। इसके अलावा एक पारिवारिक मामला सामने आया। जिसका दोनों पक्षों की सहमति से निपटारा हो गया है। प्रथम श्रेणी ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट आलोक आनंद ने बताया कि लोक अदालत में एमएसीटी केस तथा राज्य परिवहन केस, फेमिली कोर्ट व मैट्रीमोनियल केस, श्रमिक विवाद केस, भूमि अधिग्रहण केस, सिविल केस-भाड़ा, बैंक रिकवरी, डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल केस, राजस्व संबंधी केस, मनरेगा संबंधी मामले, बिजली व पानी के बिलों व चोरी संबंधी मामले, सैल टैक्स, इनकम टैक्स, इनडायरेक्ट टैक्स व अन्य राजस्व संबंधी मामले, भुगतान व भत्ते संबंधी मामले, फोरेस्ट एक्ट केस, छावनी संबंधी मामले, रेलवे क्लेम व आपदा मुआवजा संबंधी मामले, ट्रेैफिक चालान संबंधी मामले, शॉप व एस्टेबलिशमेंट एक्ट, लोकल पुलिस एक्ट व म्युनिसिपल लॉ संबंधी छुट-पुट मामलों की सुनवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि लोक अदालत का उद्द्ेश्य ही लोगों को सस्ता व सुलभ न्याय देना है। इसलिए लोक अदालत में मामलों का निपटारा दोनो पक्षों की संतुष्टि उपरांत किया जाता है ताकि व्यर्थ में लोगों का पैसा खर्च ना हो और उन्हे न्याय भी मिल जाए। लोक अदालत में हर प्रकार के केस को निपटारे के लिए रखा जा सकता है। यह लोक अदालत हरियाणा विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा सभी जिलों और उपमंडलीय अदालतों में आज आयोजित की गई है। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायायिक दंडाधिकारी प्रदीप चौधरी ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि वह आगे भी इसी प्रकार वक्त-वक्त पर लगने वाली मेगा लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में आकर इसे सफल बनाए क्योंकि लोक अदालत की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें केसों का दोनों पार्टियों की आपसी सहमति से निपटारा किया जाता है। लोक अदालत में किसी भी पक्ष की कोई हार और जीत नही होती है। दोनों ही पक्षों को सहमति बनने पर जल्द न्याय प्राप्त हो जाता है। वही सामाजिक संबंध भी बने रहते है। इस मौके पर अधिवक्ता संदीप अग्रवाल, सचिन शर्मा एडवोकेट, सोहना बार एसोसिएशन के प्रधान लखमिन्द्र खटाना, एडवोकेट सतीश अधाना, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष देवदत्त शर्मा एडवोकेट, दिनेश यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता जितेन्द्र कुमार शर्मा एडवोकेट, राजकुमार गोयल एडवोकेट, नवीन गर्ग, शाहुन खान, सौरभ राघव, नीरज शर्मा, चंचल शर्मा, अनुज गुप्ता एडवोकेट, मुकेश शर्मा एडवोकेट, विनायक गुप्ता एडवोकेट, सुनील विकल, मुकुल शर्मा, सौरभ गोयल एडवोकेट आदि समेत काफी वकील मौजूद रहे। उपरोक्त वकीलों का कहना है कि लोगों ने लोक अदालत का फायदा उठाया है। इस तरह की आयोजित होने वाली अदलतों की विशेष अहमियत होती है। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में दिए गए फैसलों की कोई अपील नही होती। ये फैसले दोनों पक्षों की आम सहमति से होते है। उनमें जो आपसी मतभेद होते है, वो फाइनली खत्म हो जाते है। इन अदालतों की अहम भूमिका रहती है। वही अदालत में बरसों से धक्के खा रहे लोगों ने अदालत की इस पहल को बेहतर बताया। उनका पक्ष था कि इस तरह की लोक अदालत आयोजित होती रहनी चाहिए। जिससे लोगों को आपसी समझौते करने में आसानी होगी।
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