आग के फैलाव को देख पहाडिय़ों से सटे घरों में रहने वाले परिवारों के लोग अपने-अपने घरों से बाहर सुरक्षित जगह में आए आग लगने से जंगली जानवर सुरक्षित जगह की ओर भागते नजर आए तो चिडिया आदि काफी जानवर
ग की चपेट में आकर अकाल मौत का बने ग्रास सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर गांव नंगली, मोहम्मदपुरगुर्जर, रायसीना के जंगलों में कई किलोमीटर लंबे क्षेत्र में आग लग गई है। धीरे-धीरे यह आग इतनी फैल गई कि आग की ऊंची-ऊंची लपटे देख पहले तो ग्रामीणों ने अपने स्तर पर आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन आग बुझने के बजाय और ज्यादा बढ़ती देखकर तत्काल पुलिस व दमकल विभाग को सूचना दी गई। समाचार भेजे जाने तक यह ज्ञात नहीं हो पाया है कि पहाड़ी के भीतर बने जंगल और पेड़, पौधों में आग कैसे लगी है। सूचना पाकर स्थानीय दमकल उपकेन्द्र से आग बुझाने के लिए 2 दमकल गाडिय़ां तुरंत मौके पर पहुंची और कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाने का प्रयास किया लेकिन आग को ज्यादा बढ़ते देख गुरूग्राम, नूंह व तावडू से भी फायर बिग्रेड की गाडिय़ां बुलाई गई है। वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी आगजनी की जानकारी पाकर घटनास्थल पर पहुंच गए है। खबर लिखे जाने तक आग पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका है। करीब 3 किलोमीटर लंबे दायरे में लगी आग को बुझा लिया गया है। आग के फैलाव को देख पहाडिय़ों से सटे घरों में रहने वाले परिवारों के लोग अपने-अपने घरों से बाहर सुरक्षित जगह में आ गए। हालातों को भांप दमकल कर्मचारियों ने पहले आबादी क्षेत्र से सटे वनक्षेत्र में लगी आग को बुझाया। जिससे लोगों का डर कुछ कम हुआ। गांव सांपकीनंगली में रहने वाले समाजसेवी बिरजू अधाना, मनोज कुमार, गांव रायसीना के रहने वाले इंजीनियर मोनी यादव, कृष्णपाल, प्रेमपाल, राजेन्द्र यादव, बाबू धर्म सिंह आदि की माने तो आग लगने का सही कारण अभी स्पष्ट नही हो पाया है। आग लगने से जंगली जानवर सुरक्षित जगह की ओर भागते नजर आए तो चिडिया आदि काफी जानवर आग की चपेट में आकर अकाल मौत का ग्रास बन गई। दमकल केन्द्र सोहना के प्रभारी जयबीर भड़ाना का कहना है कि 50 फीसदी हिस्से में लगी आग बुझा ली गई है। उबड़-खाबड़ रास्ता होने से दमकल गाड़ी ऊपर नही जा पा रही थी। ऐसे में जेसीबी बुलाकर गाड़ी ऊपर चढ़ाने के लिए रास्ते बनाने पड़े। जहां से भी गाड़ी चढऩे की संभावना दिखाई दी, वही से गाड़ी वनक्षेत्र में आगे बढ़ाई गई। इसके अलावा आग बुझाने के लिए लंबे पाइपों का भी सहारा लिया जा रहा है। ग्रामीण दमकल विभाग के सहयोग से लगी आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे है लेकिन पहाड़ी क्षेत्र में दमकल गाडिय़ां लगी आग तक नही पहुंच पा रही है। गांव नंगली, मोहम्मदपुरगुर्जर, रायसीना की पहाड़ी में पेड़ों, पौधों और घास, फूस में लगी आग का सही कारण ज्ञात नहीं हो पाया है। पहाडिय़ों में करीब 7 से 8 किलोमीटर क्षेत्र में आग से पेड़-पौधे जलने की सूचना पाकर सोहना की नायबतहसीलदार शैली मलिक, वन अधिकारी आदि भी घटनास्थल पर पहुंचे और हालातों का जायजा लिया। ग्रामीणों का मानना है कि तेज हवा चलने की वजह से आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ समय में ही आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आग बुझाने के लिए सोहना के साथ-साथ साइबर सिटी गुरूग्राम, तावडू और नूंह से अग्निशमन विभाग की दमकल गाडिय़ां मौके पर पहुंची लेकिन पहाड़ी क्षेत्र में गाडिय़ा आगजनी वाले स्थल तक नही पहुंच पाई। गहराई के साथ लंबाई में आग गांव नंगली, मोहम्मदपुरगुर्जर, रायसीना की पहाड़ी की तरफ बढ़ गई। ऐसे में जेसीबी मंगाकर रास्तों को समतल कर दमकल गाडिय़ां अग्निस्थल तक पहुंचने और लंबे पाइपों के सहारे आग को बुझाने में जुटी है। समाचार लिखे जाने तक अग्निशमन कर्मचारी ग्रामीणों के सहयोग से आग बुझाने का प्रयास कर रहे है। मालूम हो कि पहले भी कई बार पहाड़ के पेड़, पौधों में आग लग चुकी है। ग्रामीणों की माने तो घटना दोपहर वक्त की है, जब किसी व्यक्ति की नजर पहाडिय़ों की तरफ गई तो देखा कि पहाड़ों से तेज धुआं नजर आ रहा है। जिसकी जानकारी उसने ग्रामीणों को दी। ग्रामीण जब पहाडिय़ों में गए तो देखा कि पहाड़ी वाले जंगलों में जगह-जगह आग लगी हुई है। ग्रामीणों ने पहले अपने स्तर पर आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन कामयाबी ना मिलने पर पुलिस व फायर बिग्रेड को सूचना दी गई। जिस पर सोहना की 2 गाडिय़ों के साथ-साथ नंूह जिला मुख्यालय से 3 और तावडू से 2 दमकल गाडिय़ां आई। करीब 3 किलोमीटर लंबे दायरे में लगी आग को बुझा लिया गया है। आग के फैलाव को देख पहाडिय़ों से सटे घरों में रहने वाले परिवारों के लोग अपने-अपने घरों से बाहर सुरक्षित जगह में आ गए। हालातों को भांप दमकल कर्मचारियों ने पहले आबादी क्षेत्र से सटे वनक्षेत्र में लगी आग को बुझाया। जिससे लोगों का डर कुछ कम हुआ। गांव सांपकीनंगली में रहने वाले समाजसेवी बिरजू अधाना, मनोज कुमार, गांव रायसीना के रहने वाले इंजीनियर मोनी यादव, कृष्णपाल, प्रेमपाल, राजेन्द्र यादव, बाबू धर्म सिंह आदि की माने तो आग लगने का सही कारण अभी स्पष्ट नही हो पाया है। आग लगने से जंगली जानवर सुरक्षित जगह की ओर भागते नजर आए तो चिडिया आदि काफी जानवर आग की चपेट में आकर अकाल मौत का ग्रास बन गई। दमकल केन्द्र सोहना के प्रभारी जयबीर भड़ाना का कहना है कि 50 फीसदी हिस्से में लगी आग बुझा ली गई है। उबड़-खाबड़ रास्ता होने से दमकल गाड़ी ऊपर नही जा पा रही थी। ऐसे में जेसीबी बुलाकर गाड़ी ऊपर चढ़ाने के लिए रास्ते बनाने पड़े। जहां से भी गाड़ी चढऩे की संभावना दिखाई दी, वही से गाड़ी वनक्षेत्र में आगे बढ़ाई गई। इसके अलावा आग बुझाने के लिए लंबे पाइपों का भी सहारा लिया जा रहा है।
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