म्‍यांमार में हिंसा के चलते जनवरी से अब तक हजारों लोग हुए हैं विस्‍थापित, बढ़ सकती हैं मुश्किलें

Khoji NCR
2021-04-08 08:20:32

नई दिल्‍ली । म्‍यांमार में हुए तख्‍तापलट और यहां के क्षेत्रीय हथियारबंद गुटों के सुरक्षाबलों के साथ हुई झड़पों ने लोगों का जीवन मुश्किल बना दिया है। हाल ही में इस तरह की क्षड़पों में 17 लोगों

े अधिक मारे गए हैं। संयुक्‍त राष्‍ट्र के मुताबिक म्‍यांमार में हिंसा की वजह से हजारों लोग विस्‍थापित होने को मजबूर हैं। यूएन के कुछ अपुष्‍ट खबरों का जिक्र करते हुए कहा है कि म्‍यांमार के कोयिन और बागो प्रांत में हिंसा से बचने के लिए हजारों लोग अपना घर छोड़कर या जो कहीं चले गए हैं या फिर जाने वाले हैं। यूएन के वेब पोर्टल पर जारी एक खबर में कहा गया है कि म्‍यांमार के मॉन प्रांत में हुई गोलीबारी में एक चिकित्सा केंद्र को जबरदस्‍त नुकसान पहुंचा है। आपको बता दें कि म्‍यांमार के सशस्‍त्र बलों और वहां के कैरेन नेशनल यूनियन के बीच काफी समय से संघर्ष चल रहा है। दिसंबर 2020 के बाद से इसमें और अधिक तेजी देखी जा रही है। यूएन का कहना है कि इसकी वजह से म्‍यांमार के दो प्रांतों के लोग काफी डरे हुए हैं और अब तक करीब सात हजार लोग विस्‍थापित भी हो चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी लगातार म्‍यांमार में मौजद अपने लोगों से संपर्क में है और ताजा अपडेट ले रहा है। संगठन की कोशिश है कि विस्‍थापितों की हर तरह से मदद की जाए और उनतक जरूरी चीजों की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। इसके लिए संगठन संभावनाओं को तलाश रहा है। संयुक्‍त राष्‍ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक 27 मार्च से अब तक कायिन प्रांत से करीब 3848 लोगों ने म्‍यांमार से थाईलैंड की सीमा में प्रवेश किया है। इस रिपोर्ट में थाई अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि उनकी सीमा में घुसे अधिकतर म्‍यांमार के नागरिकों की वापसी हो गई है जबकि 1167 लोग अब भी उनकी सीमा में ही हैं। आपको बता दें कि म्‍यांमार में जारी राजनीतिक संकट की वजह से देश की आम जनता को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उस पर हथियारबंद गुटों के हमलों से उनपर दोहरी मार पड़ी है। गौरतलब है कि म्‍यांमार में 1 फरवरी की सुबह सेना ने वहां की लोकतांत्रिक सत्‍ता का तख्‍तापलट कर शासन अपने हाथ में ले लिया था। तब से ही म्‍यांमार की सड़कों पर सैन्‍य शासन के खिलाफ लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक इन विरोध प्रदर्शनों में सुरक्षाबलों के हाथों 568 के करीब लोगों की जान चुकी है। इनमें महिला और बच्‍चे भी शामिल हैं जबकि 2500 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें से अधिकतर के बारे में उनके परिजनों को भी जानकारी नहीं दी गई है। संगठन ने इस बात की भी आशंका जताई है कि मरने वाले प्रदर्शनकारियों की संख्‍या इससे कहीं अधिक हो सकती है। आपको बता दें संयुक्‍त राष्‍ट्र ने पिछले सप्‍ताह चेतावनी दी थी कि म्‍यांमार में जारी हिंसा का दौर लंबे समय तक जारी रह सकता है। संगठन ने ये भी आशंका जताई है कि वहां पर सैन्‍य शासन के चलते गृहयुद्ध तक छिड़ सकता है जो लंबा चल सकता है। इसका असर बच्‍चों पर जबरदस्‍त पड़ सकता है। यूएन विशेषज्ञों का कहना है कि इस हिंसा की वजह से बच्‍चों में तनाव बढ़ गया है। इसका असर उनकी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। यूएन प्रवक्ता स्‍टीफन दुजैरिक का कहना है कि 1 फरवरी के बाद से अब तक अस्पतालों और स्वास्थ्यकर्मियों पर 28 बार हमले किए गए हैं जबकि 7 बार स्कूलों और वहां पर काम करने वालों पर हुए हैं। हिंसा का असर यहां के बाजारों में और सप्लाई चेन पर भी पड़ा है। इसकी वजह से वहां पर खाने-पीने की चीजों की कीमतें बढ़ी हैं। यदि ऐसा ही रहा तो वहां पर गरीब देशों का जीवन यापन मुश्किल हो जाएगा।

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