अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए कैसे घातक साबित हो रहा है कोरोना

Khoji NCR
2021-04-07 08:11:37

नई दिल्ली, । World Health Day 2021: विश्व स्वास्थ्य दिवस, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रायोजन के तहत हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाने वाला एक वैश्विक स्वास्थ्य जागरूकता दिवस है। इस दिन का उद्देश्य यह सुनिश्चि

करना है कि हर कोई, हर जगह अच्छे स्वास्थ्य के अधिकार का एहसास करें। इस साल विश्व स्वास्थ्य दिवस खास है, क्योंकि हम सभी को कोरोना वायरस महामारी से लड़ते हुए एक साल से ज़्यादा का समय हो गया है। इस जानलेवा बीमारी की भले ही वैक्सीन आ गई हो, लेकिन फिर भी कई देश कोविड-19 की दूसरी और ख़तरनाक लेहर से जूझ रहे हैं। कोरोना के इस काल में दूसरी बीमारी से जूझ रहे लोग भी प्रभावित हुए हैं, क्योंकि इस वक्त अस्पताल जाना सुरक्षित नहीं है। कोरोना काल में जूझ रहे हैं कैंसर के मरीज़ डॉ. (कर्नल) आर. रंगा राव, चेयरमैन- पारस कैंसर सेंटर, पारस हॉस्पिटल, गुरुग्राम का कहना है, "इस साल जब हम विश्व स्वास्थ्य दिवस मना रहे हैं, तो हम सभी महामारी के बीच जीने को मजबूर हैं। सबसे पहले तो हमें अपने सभी स्वास्थ्य कर्मियों का आभार व्यक्त करना चाहिए क्योंकि वे हमारी सुरक्षा के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। महामारी ने कैंसर के इलाज को बुरी तरह से प्रभावित किया है। शायद हम महामारी की वजह से कैंसर से हुई मौतों का आंकड़ा नहीं लगा पाएंगे। भारत में महामारी की वजह से 50 से 80 % लोगों ने अपने कैंसर के इलाज में देरी का अनुभव किया है। कोविड के दौरान कैंसर के पुराने मरीज़ चेकअप के लिए नहीं जा पाए जिसकी वजह से उनमें कई रिकरेंस के मामले देखने को मिल रहे हैं। हालांकि नॉर्मल जीवन में वापस आ रहे हैं। अब कई हेल्थकेयर सेंटर मरीजों को अपनी रूटीन चेकअप कराने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।" हेल्थकेयर इंडस्ट्री का दुगुना भार कोरोना से हेल्थकेयर इंडस्ट्री सबसे ज़्यादा प्रभावित हुई है। ये वायरस इस तेज़ी से फैला कि इसने अपनी चपेट में कई डॉक्टर्स और नर्सों को भी ले लिया, जो मरीज़ो का इलाज कर रहे थे। अब एक साल बाद भी भार दुगुना हो गया है। डॉ. शुचिन बजाज, डायरेक्टर और फाउंडर, उजाला साइनस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल का कहना है कि "पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण हेल्थकेयर इंडस्ट्री पर बुरा प्रभाव पड़ा। इस साल भी यह भार दुगुना होगा क्योंकि इस साल रूटीन केसेस और रूटीन सर्जरी भी हो रही है और कोविड इंफेक्शन की दूसरी लहर भी कहर बरपा रही है। इसलिए हर तरह के मरीज़ों का इलाज करना बहुत ही मुश्किल होगा। अगर इसी तरह से केसेस बढ़ते रहे, तो यह हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बहुत ही मुश्किल होगा क्योंकि यह पिछले साल से ही काफी बोझ से दबा हुआ है।" वैक्सी लगने के बाद लापरवाही न करें आईएचडब्लू काउंसिल के सीईओ श्री कमल नारायण का कहना है, "इस महामारी से वैश्विक स्तर पर 0.13 बिलियन लोग प्रभावित हुए हैं। महामारी ने हमें बताया है कि क्यों स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है। कई लोगों का मानना है कि महामारी वैक्सीन के आने के बाद ख़त्म हो जाएगी लेकिन सच ये है कि महामारी इतनी आसानी से ख़त्म नहीं होगी। दिशानिर्देशों का पालन करने में लापरवाही बरतने से कोरोना वायरस फिर फैल सकता है। इसलिए वैक्सीन लगने के बावजूद सभी गाइलाइन्स का पालन करना बेहद ज़रूरी है।"

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