भौंड़सी में तालाब के लिए 45 लाख रुपए देने पर भी नही हो पा रहा काम-किरकिरी होते देख भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को टवीट कर लगाई गुहार

Khoji NCR
2021-04-05 09:11:05

सोहना,(उमेश गुप्ता): सोहना ब्लॉक के गांव भौंड़सी में ग्रामपंचायत द्वारा गांव के तालाब के सौंदर्यकरण के लिए गुरूजल सोसायटी के आग्रह पर 45 लाख रुपए चेक के माध्यम से खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी स

हना को दिए जाने के बावजूद तालाब पर कोई काम ना होते देख मामला तेजी से तूल पकड़ गया है। ग्रामीणों के बीच भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की हो रही किरकिरी को देख गांव में रहने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता यशबीर राघव ने खुद मुख्यमंत्री मनोहरलाल व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को टवीट के माध्यम से जानकारी देकर इस मामले में कार्रवाई किए जाने की गुहार लगाई है। ग्रामीण विनय राघव ने बताया कि तालाब का पानी पूरी तरह दूषित हो चुका है। पंचायत के 45 लाख रुपए जमा कराने के बावजूद तालाब की सुध नही ली जा रही है। हालात ये है कि आज भी गांव का गंदा पानी तालाब में जा रहा है। जिससे तालाब में गंदगी दिनोंदिन बढ़ रही है। वही भौंडसी ग्रामपंचायत के मैंबर रहे रामकिशन राघव का कहना है कि तालाब का कायाकल्प कागजों में हो रहा है। धरातल पर तालाब की कोई सुध नही ली जा रही है। ऐसे में इस मामले में भ्रष्टाचार की बू आ रही है जबकि तालाब के कायाकल्प का जिम्मा लेने वाली जलगुरू सोसायटी की प्रोजेक्ट मैनेजर सुभीकेसरवानी का कहना है कि उनके पास पैसा नही आया है। पैसा पंचायत विभाग के पास ही जमा है। इसलिए कार्य शुरू नही हो पा रहा है तो पंचायत विभाग के अधिकारी कह रहे है कि अब भौंड़सी गांव नगरनिगम के अधीन आ गया है तो यह मामला नगरनिगम के अधिकारी ही सुलझा पाएंगे। गांव में रहने वाले दीपक गुप्ता, राजेश राघव, नंबरदार भागीरथ राघव, पंडित छाजूराम आदि ग्रामीणों का कहना है कि भौंड़सी गांव में बना यह प्राचीन तालाब ना केवल लोगों की आस्था का केन्द्र है बल्कि इस तालाब में बरसाती पानी का संचय भी किया जाता था। कुछ वर्षों से कम बरसात होने से यह तालाब सूख गया। अब इस तालाब में लोगों ने घरों का गंदा पानी छोडऩा शुरू कर दिया है। जिससे तालाब का पानी दूषित हो गया है। इस दूषित पानी की वजह से आसपास लगे टयूबवैलों में स्वच्छ की बजाय गंदा पानी आ रहा है और अब तालाब का गंदा पानी बीमारियों का घर बन लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। ताज्जुब की बात ये है कि ग्रामपंचायत की तरफ से बीडीपीओ के माध्यम से यह धनराशि चेक के जरिए 6 महीने पहले उपलब्ध कराए जाने के बावजूद तालाब पर आज तक किसी तरह का कोई काम शुरू नही हुआ। आज भी इस तालाब में गांव का गंदा पानी भरा हुआ है। जिससे उठ रही दुर्गंध ग्रामीणों को परेशान कर रही है लेकिन लोगों में ये चर्चाएं जोर पकड़े हुए है कि कागजों में इस तालाब के कायाकल्प का काम जोरों पर चल रहा है। भौंड़सी ग्रामपंचायत के पूर्व मैंबर रामकिशन ने खुलासा किया कि समाचारपत्रों में छपी खबरों के माध्यम से पता चला है कि भौंड़सी तालाब के कायाकल्प का काम जोरो पर है लेकिन धरातल पर असलियत बिल्कुल इसके विपरीत है। सच्चाई ये है कि ग्रामपंचायत की तरफ से बीडीपीओ के माध्यम से यह धनराशि चेक के जरिए 6 महीने पहले उपलब्ध कराए जाने के बावजूद तालाब पर आज तक किसी तरह का कोई काम शुरू नही हुआ। आज भी इस तालाब में गांव का गंदा पानी भरा हुआ है। जिससे उठ रही दुर्गंध ग्रामीणों को परेशान कर रही है लेकिन कागजों में इस तालाब के कायाकल्प का काम जोरों पर चल रहा है। उन्होने कहा कि जल की एक-एक बूंद को सहेजने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार कहने को योजना बनती है पर सहायक प्रशासनिक अधिकारी उन योजनाओं पर काम करने के प्रति गंभीर नही है और योजनाओं को सिरे चढ़ाने के नाम पर फाईलों में ही तालाबों का कायाकल्प होने का काम हो रहा है। जिसका जीता-जागता प्रमाण उनके गांव भौंड़सी का तालाब है। इस प्राचीन तालाब के कायाकल्प के लिए ग्रामपंचायत के खाते से 6 महीने पहले 45 लाख रुपए की राशि प्रशासन को उपलब्ध कराई गई पर तालाब पर आज तक भी काम शुरू नही हो पाया है। भौंड़सी ग्रामपंचायत ब्लॉक ही नही जिले में सबसे धनवान पंचायतों में शामिल रही है। भौंड़सी ग्रामपंचायत के खाते में 70 करोड़ रुपए जमा थे। जिसे देखकर भौंड़सी ग्रामपंचायत को नगरनिगम में शामिल कर लिया गया। भौंड़सी ग्रामपंचायत के पूर्व मैंबर रामकिशन की माने तो पहाड़ की तलहटी में बसे भौंड़सी गांव में अभी कई तालाब व जलाशय है। पहाड़ का बरसाती पानी इन तालाबों में एकत्रित हो जाता था लेकिन धीरे-धीरे बरसात कम होने और भूमिगत जल का स्तर नीचे जाने से इन तालाबों का पानी सूखने लगा तो कई तालाब अपना अस्तित्व खोने की कगार पर पहुंच गए। सोहना शहर में भी काफी तालाबों का अस्तित्व खत्म हो गया। ऐसे में भौंड़सी गांव के प्राचीन तालाब कायाकल्प करने का जिम्मा गुरूजल सोसायटी ने लिया। तत्पश्चात गुरूजल सोसायटी ने एक अक्टूबर को पत्र क्रमांक-363 के माध्यम से ग्रामपंचायत भौंड़सी से तालाब के कायाकल्प के लिए 45 लाख रुपए की धनराशि देने का आग्रह किया। पत्र मिलते ही ग्रामपंचायत ने तीन अक्टूबर को पंचायत में प्रस्ताव पास कर 45 लाख रुपए की धनराशि पंचायतीराज विभाग के जरिए गुरूजल सोसायटी को दे दी। आज 6 महीने बीत गए है लेकिन तालाब के कायाकल्प के लिए कोई कार्रवाई अमल में नही लाई गई। उन्होने बताया कि बीती पंद्रह मार्च को उपायुक्त की अध्यक्षता में 60 तालाबों के कायाकल्प के लिए आयोजित बैठक में दावा किया गया कि भौंड़सी के तालाब समेत 11 गांवों में तालाबों का जीर्णोद्वार का काम चल रहा है। ऐसे में भौंड़सी के ग्रामीण है कि उनके गांव में तालाब के कायाकल्प के लिए किसी अधिकारी ने झांककर भी नही देखा तो फिर तालाब का कायाकल्प किस तरीके से हो रहा है। भौंड़सी में ग्रामपंचायत द्वारा गांव के तालाब के सौंदर्यकरण के लिए गुरूजल सोसायटी के आग्रह पर 45 लाख रुपए चेक के माध्यम से खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी सोहना को दिए जाने के बावजूद तालाब पर कोई काम ना होते देख मामला तेजी से तूल पकड़ गया है। ग्रामीणों के बीच भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की हो रही किरकिरी को देख गांव में रहने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता यशबीर राघव ने खुद मुख्यमंत्री मनोहरलाल व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को टवीट के माध्यम से जानकारी देकर इस मामले में कार्रवाई किए जाने की गुहार लगाई है।

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