सोहना,(उमेश गुप्ता): यहां पर नगरपरिषद के वार्ड-छह स्थित विज-किडज लिटिल चैम्प प्ले स्कूल का उदघाटन गोकुलपुर से आए महंत स्वामी धीरजगिरी जी महाराज ने रिबन काटकर किया। इस मौके पर प्रमुख लोगों में
्रकाशपुरी आश्रम से आए बाबा मुकुलपुरी महाराज, नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन सुभाष सिंगला, नरेश सैनी एडवोकेट, अग्रवालसभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व व्यापारमंडलल संघ के चीफ एडवाईजर उमेश अग्रवाल, भगवान सिंह यादव, सतबीर दायमा, कृष्ण सैनी, कन्हैया सैनी, राव मंगत सिंह, बलबीर सिंह, लखमीचंद, राव मान सिंह, धर्म सिंह, बलविंदर यादव, राव करण सिंह, देवेन्द्र यादव, विजय गुर्जर, अनूप खटाना, भीष्म, निखिल यादव, टीसी बंसल, देशराज गोयल, ओमप्रकाश सिंगला, सेठ नारायण दास गर्ग, विनायक गुप्ता एडवोकेट आदि प्रमुख लोग विशेष रूप से मौजूद रहे। उदघाटन अवसर पर मुख्यातिथि पद से बोलते हुए महंत स्वामी धीरजगिरी जी महाराज ने शिक्षा को मनुष्य के लिए अत्यंत जरूरी बतलाते हुए कहा है कि अशिक्षित व्यक्ति समाज में पशु तुल्य है। आज का युग कम्पयूटर युग है। ऐसे में हमें किताबी तालीम के साथ-साथ अंग्रेजी ज्ञान और कम्पयूटर शिक्षा का अनुभव भी होना चाहिए। तभी व्यक्ति उन्नति के रास्ते पर अग्रसर हो सकता है। शिक्षित व्यक्ति ना केवल अपने परिवार को खुशहाल बनाता है बल्कि समाज और राष्ट्र के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाता है। स्कूल मुख्य अध्यापिका श्रीमती कैलाश यादव व निर्देशक देवेन्द्र यादव ने विश्वास जताया कि यह स्कूल वार्ड-शहर के बच्चों को शिक्षादान देने में अहम भूमिका निभाएंगा। जो बच्चे अभी तक दूरदराज स्कूल होने के कारण नियमित रूप से स्कूल नही जा पा रहे थे, ऐसे बच्चे अब वार्ड के भीतर ही इस स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। स्कूल मुख्य अध्यापिका श्रीमती कैलाश यादव व निर्देशक देवेन्द्र यादव ने बताया कि स्कूल में बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ कम्पयूटर शिक्षा और महापुरूषों, स्वतंत्रता सेनानियों, देशभक्तों के साथ-साथ किसानों, देश के प्रहरी जवानों और विज्ञान पर आधारित पुस्तकें भी पढ़ाई जाएंगी ताकि देश की युवा पीढ़ी ज्ञानवर्धक पुस्तकें पढक़र समाज और राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभा सके। इससे पहले गोकुलपुर से आए महंत स्वामी धीरजगिरी जी महाराज तथा प्रकाशपुरी आश्रम से आए बाबा मुकुलपुरी महाराज का यहां पहुंचने पर मौजूद लोगों ने जोश और उत्साह के साथ माल्यार्पण करते हुए स्वागत किया और मुख्यातिथि व विशिष्ठ जनों को स्मृति चिन्ह के साथ दोशाला ओढाकर सम्मानित किया गया।
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