उमेश गुप्ता सोहना : यहां पर बाजार व गली-मोहल्लों में जगह-जगह सैकड़ों से ज्यादा हाथरिक्शा-रेहडिय़ां और आटो चल रहे है। इन्हे चलाने वाले अधिकांश लोग बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि विभिन्न प्रां
तों के रहने वाले है, जिनका कोई सही पता, ठिकाना तक नही है। फिर भी नगरपरिषद और पुलिस प्रशासन इस तरफ से पूरी तरह आंखें मूंदे हुए है और इनकी पुलिस वैरिफिकेशन किए जाने की तरफ पुलिस प्रशासन का ध्यान ही नही है जबकि तीन वर्ष पहले तत्कालीन उपायुक्त ने क्षेत्र में रहने वाले अजनबियों और दूर दराज प्रदेशों से आए लोगों, किरायेदारों की पुलिस वैरिफिकेशन कराए जाने के निर्देश जारी किए थे। ध्यान योग्य यह है कि तीन वर्ष पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक कैब चालक महिला के साथ दुष्कर्म होने पर पुलिस की पकड़ में आए आरोपी ने कबूला कि उसकी कोई पुलिस वैरिफिकेशन नही कराई गई और उसे कैब पर वैसे ही नौकरी मिल गई थी, जिससे साफ जाहिर है कि बाहरी लोगों की पुलिस वैरिफिकेशन के लिए आला अधिकारियों के दिए गए दिशा-निर्देश मात्र दिखावा ही ज्यादा साबित हो रहे है। ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठना लाजिमी है। सोहना, बादशाहपुर और भौंड़सी क्षेत्र में विभिन्न प्रदेशों से आए हजारों परिवार झुग्गी-झोपडिय़ां डाले पड़े है। हजारों लोग ऐसे है जो दूर दराज प्रदेशों से यहां आकर हाथ रिक्शा, रेहड़ी चला रहे है अथवा किसी दुकान पर या किसी छोटे, बड़े उद्योग में कच्चे कर्मचारी के रूप में कार्यरत है लेकिन उनकी पुलिस वैरिफिकेशन ना होने से ऐसे लोगों का पारिवारिक और आपराधिक पृष्ठभूमि की सही तरीके से छानबीन नही हो पाती है। आपराधिक प्रवृति वाले लोग मौका पाते ही वारदात को अंजाम देने के बाद भाग निकलने में कामयाब हो जाते है। तब पीडि़तों के साथ-साथ पुलिस प्रशासन उनका सही नाम, पता ना होने के कारण हाथ मलता रह जाता है। गौरतलब यह कि औद्योगिक एरिया रोजकामेव के साथ-साथ बादशाहपुर आसपास क्षेत्र में बने कॉल सेंटरों, माल, वाणिज्यिक संस्थानों तथा अन्य स्थानों से देर रात तक कामकाजी महिलाएं अपने घरों तक आवाजाही के लिए आटो का प्रयोग करती है। इनसे आटो चालक निर्धारित किराये से ज्यादा पैसे ऐंठते है। बदसलूकी की शिकायतें भी आम है। क्षेत्र के जागरूक लोगों में सोहना व्यापारमंडल संघ के प्रधान मनोज बजरंगी, अग्रवालसभा के प्रधान रजनीश जिंदल एडवोकेट, पंजाबी महासंघ के प्रधान हरीश नंदा, युवा समाजसेवी गुलशन आहूजा, समाजसेवी ललित शर्मा, क्रिकेट कोच सर टेकचंद बंसल, आर्यसमाज के मंत्री संजय आर्य नूनेहरा, जगदीश प्रसाद माथुर, कर्मपाल बोकन सिरसका, नंगली के बलबीर गब्दा, हांड़ा देवेन्द्र यादव आदि का कहना है कि इस मामले में क्षेत्रीय पुलिस प्रशासन को कोई लापरवाही हर्गिज नही बरतनी चाहिए। जनहित के दृष्टिगत बाहर प्रदेशों से यहां आकर रह रहे किरायेदारों, लोगों तथा झुग्गी, झोपड़ी डाले परिवारों की पुलिस वैरिफिकेशन हर कीमत पर सुनिश्चित बनाई जानी चाहिए। ऐसे लोगों का वर्तमान पते के
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