उमेश गुप्ता सोहना : यहां पर गांव घाटाअमीरपुर में रहने वाले कांग्रेस नेता चौधरी महेश घोडारोप ने बृहस्पतिवार को वर्ष-2008 में आज ही के दिन 26 नवंबर को हुए मुंबई आतंकी हमले की 12वीं बरसी पर आतंकी हमले
में शहीद हुए लोगों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देकर उनकी शहादत को नमन किया और कहा कि मुंबई आतंकी हमले में कमांडो फोर्स की सफलता की 12वीं वर्षगाठ देश भर में मनाई जा रही है लेकिन इस सफलता के कई किरदार आज भी शासन-प्रशान की बेरूखी के शिकार है। उदाहरणस्वरूप उन्होने बताया कि मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले के खिलाफ कमांडो आप्रेशन में अहम भूमिका निभाने वाले पटौदी के गांव सफेदारनगर में रहने वाले जाबांज सुनील यादव आज अभाव में जीवन जीने को गुजारने को मजबूर है। हमले में दुश्मन की गोली का शिकार होकर 40 दिन तक अस्पताल रहे इस कमांडों से हर वर्ष 26 नवंबर को नेता और अधिकारी मिलने आते है लेकिन उसे आश्वासन के अलावा कुछ नही मिला है। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा की गई घोषणाओं का लाभ भी उन्हे अब तक नही मिल पाया है। गांव जसाना के रहने वाले फिरे चंद कमांडो के उस दल में शामिल थे, जिसे उस दिन पाकिस्तान से आए आतंकियों के खात्मे का जिम्मा सौंपा गया। वह आतंकियों की गोली लगने से घायल हो गए। ग्रामपंचायत ने वीरता दिखाने पर उन्हे 100 वर्ग गज का प्लाट देने की घोषणा की लेकिन शासन-प्रशासन की अनदेखी के चलते 12 वर्ष बीतने पर भी पंचायत द्वारा घोषित प्लाट कमांडो फिरेचंद नागर को अभी तक नही मिल पाया है। जिस ढाणी में वह रहते है, वहां घरेलू बिजली की लाइन तक उपलब्ध नही है। मुंबई हमले के वक्त आतंकियों से टक्कर लेने वाले फरीदाबाद के सेक्टर-48 निवासी गौतम गौसाई की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वह होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई हेतू ताज होटल में इंटर्नशिप के लिए गए थे। तत्कालीन सरकार ने उनकी स्मृति में सेक्टर-48 का नाम गौतम इंकलेव रखने की घोषणा की थी लेकिन नगरनिगम और सरकार 12 वर्ष बीतने पर भी सेक्टर-48 का नामकरण गौतम इंकलेव के नाम पर नही कर पाए है। महाराष्ट्र सरकार ने उन्हे जीवन रक्षक पदक देने का ऐलान किया था मगर औपचारिकता पूरी ना होने से वह पदक भी उनके परिजनों को नही मिल पाया है। इतना जरूर है कि गौतम के पिता देव सिंह गौसाई ने अपने बेटे की याद में गरीब और बेसहारा बच्चों की मदद के लिए एक ट्रस्ट बनाया है। इससे पूर्व उपस्थितों ने दो मिनट का मौन रख अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
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