भिवानी : लंबे समय से संघर्षरत हरियाणा शारीरिक शिक्षकों ने बुधवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उनको 6 अक्टूबर को हुई बातचीत के दौरान शारीरिक शिक्षकों को यह आश्वासन
िया था कि उन्हें जल्द ही शिक्षा विभाग में समायोजित किया जाएगा। उनके द्वारा दिए आश्वासन का समय अब पूरा हो चुका है। धरने पर सभी शारीरिक शिक्षकों व अन्य पदाधिकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष प्रकट किया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान दिलबाग जांगड़ा कर रहे थे। इस दौरान सभी शारीरिक शिक्षकों के अलावा सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ, हेमसा, ऑफिसर एसोसिएशन, हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन सहित अन्य कर्मचारी संगठनों ने सरकार को चेताया कि अगर उन्होंने शारीरिक शिक्षकों को तीन दिन के अंदर अंदर शिक्षा विभाग में समायोजित नहीं किया तो सभी संगठन एक बार फिर से लामबद्ध होकर धरने पर ही बैठक कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी और सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। बुधवार के क्रमिक अनशन पर प्रवीण कुमारी, राजेश कुमार, राजपाल यादव, वीरेंद्र जाखड़ को समिति पदाधिकारियों ने फूल माला पहनाकर बैठाया। धरने का संचालन मदन लाल सरोहा ने किया। इस अवसर पर प्राचार्य जयबीर सिंह, महेंद्र सिंह श्योराण, राकेश मलिक, नंदकिशोर सोलंकी, वीरेंद्र घनघस पूर्व राज्य प्रधान, राज कुमार कोटिया रिवासा, हेमसा से संदीप सांगवान, राजेश लाम्बा, जंगबीर कासनिया, अशोक चाहर, मीनू रानी, मुकेश कुमारी, मुन्नी देवी, प्रमोद कुमार, राजेश कुमार, राजेश श्योराण, पवन बडदू, ईशवर फौजी, जय प्रकाश, कर्मजीत, सतीश कुमार, सुनील जांगड़ा, सुनील गोलपुरा, सुरेंद्र सिंह आदि कर्मचारी व संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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